
निप्र,जावरा (लखन पंवार) एमपी सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री रहें कैलाशनाथ काट्जू वहीं आठ बार के सांसद लक्ष्मी नारायण पांडेय से लेकर पूर्व कृषि मंत्री महेंद्र सिंह कालूखेड़ा जैसे नामी प्रख्यात मंत्रियों के क्षेत्र रहे जावरा विधानसभा में करोड़ों की लागत से बन रहे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के द्वारा पीलिया खाल सौंदर्यीकरण कार्य की रूप रेखा पूर्व अध्यक्ष निर्मला हाड़ा के कार्यकाल से मंथन शुरू होकर पूर्व अध्यक्ष अनिल दसेड़ा के कार्यकाल में 2017 में शुरू हो चुकी थीं, 2021 में एसडीएम कार्यकारी अध्यक्ष राहुल नामदेव धोटे के समय कार्य ने गति भी पकड़ी, प्रोजेक्ट का कार्य नगर पालिका परिषद् की मुख्यमंत्री अधोसरंचना विकास योजना द्वितीय चरण के तहत पीलिया खाल का सौन्दर्यीकरण एवं प्रदूषण मुक्त कार्य के लिए निविदा दर 14 करोड़ 57 लाख 52 हज़ार से होना था, वहीं लाखों की लागत से बन रहे रिटर्निग दीवार नदी किनारे मिट्टी कटाव को बचाने के लिए नगर पालिका परिषद् के अधीन होना था जो वर्तमान में शिथिल पड़ा है, वॉल निर्माण में पूर्व में ख़राब निर्माण की शिकायत के बाद से वार्ड एक में खाल किनारे कार्य असमंजस में रुका हुआ है, जिससे मिट्टी के टीलों से गंदा पानी सड़ने लगा ओर वहां रहवासियों को गंदगी का सामना करना पड़ रहा हैं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 28 नालों का गंदा पानी पीलिया खाल में मिलता है पूर्व में नेशनल ट्रिब्यूनल प्रदूषण बोर्ड ने भी पत्र के मध्याम से कहा था कि पीलिया खाल को जल्द प्रदूषण मुक्त करे , पीलिया खाल का सड़ा हुआ नाले का पानी मलेनी नदी में मिलता है, जनचर्चा हैं की आस पास की खेती की ज़मीन नाले के पानी के संपर्क से ख़राब हो सकती हैं वहीं गंदे पानी के संपर्क से उपजी फ़सल से गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं, इस संबंध में जावरा पूर्व नगर पालिका परिषद् अध्यक्ष अनिल दसेड़ा से कार्य की पूर्व से अब तक स्थिति जानना चाही तो उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी जी के स्वच्छता अभियान के सपने को लेकर जावरा शहर के मध्य जो गंदे नाले के रूप में पीलिया खाल बन चुका था उसके सुधार हेतु जावरा की समस्त जनता के स्वास्थ्य को दृष्टि गत रखते हुए केंद्र सरकार ओर राज्य सरकार ने मिलकर एक महती सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट योजना बनाई थीं बाद में जावरा के 28 नालों को मिलाकर बाहर निकालने का प्रस्ताव था जिसमें श्मशान घाट के आगे एक किसान की ज़मीन एक्वायर करके सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना करके गंदे पानी को ट्रीटमेंट करके साफ़ पानी को नदी में मिलाना था जिसमें किसान साफ़ पानी का उपयोग खेती के लिए कर सके, वहीं रपट रोड़ से जगह जगह मुख्य घाट बनाकर फव्वारा लगाना था जिसमें 15 करोड़ की यह महती योजना जावरा नगर के लिए बड़ी सौगात थी जोकि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में जावरा को मिली थी लेकिन वर्तमान में जावरा नगर पालिका में भाजपा की सरकार नहीं है इसी लिए हो सकता हैं शिथिल पड़ी हो, वहीं दसेड़ा द्वारा यह भी कहा गया कि में जावरा के जनप्रतिनिधियों से अपील करता हूं कि जावरा कि जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यदि इस योजना में कहीं शिथिलता आ रही हो तो पर्सनल इंट्रेस्ट लेकर पूरा करें यह मेरी भावना है वहीं सीईओ दुर्गा बामनिया ने बताया कि अभी इक्विपमेंट (उपकरण,मशीनें) आईं नहीं हैं मार्च तक कार्य पूर्ण करने की बात कहीं गईं हैं पीलिया खाल में पानी सड़ने और बच्चों के खेलने के दौरान खाल में गिरने की समस्या पर बताया कि संबंधित ठेकेदारों को निर्देशित किया जाएगा वहीं वॉल के कार्य में अनियमितता के मामले में इंजीनियर को निरक्षण करवाने की बात कहीं गईं , इस मामले में अध्यक्ष अनम कड़पा से चर्चा करना चाही तो उन्होंने फ़ोन रिसीव नहीं किया तीन दिन पूर्व भी नगर पालिका अध्यक्ष कड़पा से नगर पालिका के संबंध जानकारी चाही तो टाल दिया गया वहीं पिता यूसुफ कड़पा से बात करने की बात कही जाती हैं वे परिषद् के सवालों पर चुप्पी साध जाती हैं, वहीं इस मामले में पार्षद प्रतिनिधि दशरथ कासनियां ने बताया कि नगर पालिका परिषद् से दीवार की हाइट क्या है पत्र के माध्यम से जानकारी चाही गई थी लेकिन अब जवाब नहीं मिला वहीं गुणवत्ता पूर्ण कार्य को लेकर भी कई बार आवेदन दिए गए हर बार यह कहते हैं कि कार्य सही नहीं करने पर राशि काट ली जाएगी , कासनियां ने कहा कि कार्य में सुधार होना चाहिए राशि काटना कोई सही औचित्य नहीं है । वहीं स्वास्थ्य एवं स्वच्छता निरीक्षक प्रभारी लोकेश कुमार विजयवर्गीय द्वारा कहा गया कि रिटर्निग वॉल निर्माण एजेंसी चार हैं पीलिया खाल वार्ड नंबर एक के स्थानीय लोगों द्वारा बच्चे के खाल में गिरने व दुर्गंध की शिकायत पर कहा कि में इसे दिखवाता हूं।