कहीं साल पुराने पट्टीका मंदिर नाम हटाया
उज्जैन के देवास रोड़ पर स्थित एक चर्च से मंदिर शब्द हटवाया गया. चर्च के बोर्ड पर मसीही मंदिर चर्च ट्रस्ट की स्थापना 15 अक्टूबर 1946 को हुई थी जिस पर हिंदू संगठनों ने अपनी आपत्ति दर्ज की थी. आपत्ति होने के बाद चर्च की संस्था ने चर्च के बोर्ड से मंदिर शब्द हटा लिया है
मंदिर शब्द सनातन का प्रतीक है, लेकिन उज्जैन के एक चर्च पर इस शब्द का उपयोग लगभग 78 सालों से किया जा रहा था. जिसको लेकर दो दिनों पहले विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने अनुविभागीय अधिकारी को एक ज्ञापन दिया था और मंदिर शब्द को हटाने की मांग की थी. प्रशासन को ज्ञापन देने के बाद बजरंग दल के नेता ट्रस्ट के जिम्मेदारों लोगों से भी मिले थे. जिन्हें उन्होंने सख्त लहजे में यह चेतावनी दी थी कि अगर दो दिनों में मंदिर शब्द नहीं हटाया जाता तो फिर हम उग्र आंदोलन करेंगे.
विहिप और बजरंग दल की इस चेतावनी की समय सीमा पूरी होने से पहले से ही चर्च से मंदिर शब्द हटा लिया गया है.पूरे मामले की जानकारी देते हुए विहिप के जिलाध्यक्ष महेश तिवारी ऋषभ कुशवाहा ने बताया कि देवास रोड पर पिछले कई सालों से मसीही मंदिर चर्च देवास रोड नाम की संस्था मसीही चर्च के नाम के साथ मंदिर शब्द का उपयोग कर रही थी. चर्च के साथ मंदिर शब्द का उपयोग किए जाने से कई प्रकार की भ्रांतियां फैल रही थी.
जिसको लेकर हमने अनुविभागीय अधिकारी लक्ष्मीनारायण गर्ग को एक आवेदन दिया था और मांग की थी कि जल्द से जल्द मंदिर शब्द को चर्च के बोर्ड से हटाया जाए. क्रिसमस पर्व के पहले इस मुद्दे को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल कोई हंगामा न मचाए इसे देखते हुए. संस्था ने अपने बोर्ड से मंदिर शब्द हटा लिया है