नई दिल्ली, 13 दिसंबर । केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने का एक भारतीय मॉडल बनाया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि महिलाएं सभी निर्णय लेने वाली संरचनाओं और जीवन विकल्पों में शामिल हों। उन्होंने कहा कि महिलाओं की समानता और सशक्तीकरण ही समाज और राष्ट्र को सशक्त बना सकता है।
धर्मेंद्र प्रधान नई दिल्ली में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा ‘नारी नेतृत्व: विकासशील भारत @ 2047 के लिए शैक्षणिक उत्कृष्टता को आकार देना’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने की ओर बढ़ रहे हैं, नारी शक्ति अधिक निर्णय लेने वाली भूमिकाएं निभाएगी।
प्रधान ने कहा कि कार्यशाला एनईपी 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप शिक्षा के हर स्तर पर महिलाओं के सशक्तीकरण पर जोर देती है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य यह दिखाना है कि कैसे महिलाएं उच्च शिक्षा में शैक्षिक मानकों को उठा रही हैं और साथ ही उन्हें नेतृत्व की भूमिकाओं के लिए तैयार और प्रेरित भी कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि नारी शक्ति ताकत, लचीलापन और आशा का प्रतीक है और महिलाओं के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना भारतीय सभ्यता का एक अंतर्निहित मूल्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने किस तरह से महिलाओं के विकास से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की ओर एक परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए आगे बढ़कर नेतृत्व किया है।
मंत्री ने कहा कि उभरती हुई नई विश्व व्यवस्था ज्ञान से प्रेरित होगी और महिलाएं कृत्रिम रुकावटों को तोड़ रही हैं, लैंगिक भूमिकाओं को चुनौती दे रही हैं और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) सहित सभी क्षेत्रों में उनकी भागीदारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए समान अवसर स्थापित करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि कार्यशाला में विचार-विमर्श, संवाद और अनुभव साझा करने से इसके लिए एक रोडमैप मिलेगा।
इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार भी उपस्थित थे। शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार, यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार, डीआरडीओ में एयरोनॉटिकल सिस्टम की महानिदेशक डॉ. राजलक्ष्मी मेनन, यूजीसी के उपाध्यक्ष प्रो. दीपक कुमार श्रीवास्तव, आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी और देश भर से आए गण्यमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।