भाेपाल, 4 दिसंबर । महान भील आदिवासी जननायक टंट्या भील (टंट्या मामा) का आज बुधवार काे बलिदान दिवस है। हर साल 4 दिसंबर को क्रांतिसूर्य टंट्या मामा का बलिदान दिवस मनाया जाता है। अमर शहीद टंट्या भील को जबलपुर की केंद्रीय जेल में आज के दिन (4 दिसंबर 1889) फांसी दी गई थी। महान भील आदिवासी जननायक टंट्या भील के बलिदान दिवस पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ माेहन यादव ने उन्हें नमन कर विनम्र श्रद्धांजलि दी है।
मुख्यमंत्री डाॅ यादव ने साेशल मीडिया एक्स पर पाेस्ट कर लिखा “रॉबिनहुड” के नाम से विख्यात, जनजातीय नायक, महान स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिसूर्य टंट्या मामा जी के बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
आप अंग्रेजी हुकूमत की दमनकारी नीतियों और अन्याय के विरुद्ध अंतिम सांस तक लड़ते रहे; जनजातीय समाज के साथ-साथ मध्य प्रदेश और देश के कण-कण को आप पर युगों-युगों तक गर्व रहेगा। आपका उदात्त व्यक्तित्व आने वाली पीढ़ियों को देश सेवा व अन्याय के विरूद्ध लड़ने के लिए सर्वदा प्रेरित करता रहेगा
गाैरतलब है कि क्रांतिकारी टंट्या भील जनजातीय समुदाय में टंट्या मामा और भारतीय रॉबिनहुड के रूप में जाने जाते हैं। वे स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख योद्धा थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ संघर्ष किया और समाज के गरीब एवं वंचित वर्गों की मुक्त हस्त से मदद की। क्रांतिकारी टंट्या मामा का जन्म 26 जनवरी 1842 को मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पंधाना में हुआ था।