उज्जैन /। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के गौरवशाली आयोजन 19 वॉ अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2024 “शिवसम्भवम” की तृतीय आयोजन संध्या में दीपप्रज्जवलन के पश्चात कार्यक्रम में सुश्री सुचेता गांगुली, कोलकाता का शास्त्रीय गायन, सुश्री श्रीवल्ली एवं समूह , हैदराबाद का मोहिनीअट्टम तथा सुश्री अनन्या गौड़, उज्जैन की कथक नृत्य की कथक प्रस्तुतियां हुई |
महोत्सव की प्रथम प्रस्तुति में कोलकाता से पधारी श्रीमती सुचेता गांगुली का शास्त्रीय गायन हुआ | सुचेता ने राग यमन में “चन्द्रमा लालट पर” के पश्चात ठुमरी “देखे बीना नेही चैन”, दादरा “श्याम तोहे नजरिया लग जाएगी” “सावन की ऋतु” तथा अंत में भजन “तुम बिन शंकर” की प्रस्तुतियां दी | सुचेता के साथ श्री जमुना बल्लभ गुजराती ने हारमोनियम, श्री सागर गुजराती ने तबला एवं श्री विनायक सहाय ने सारंगी पर संगत दी |
इसके बाद दूसरी प्रस्तुति सुश्री श्रीवल्ली एवं समूह , हैदराबाद के मोहिनीअट्टम की हुई | जिसमे शम्भो महादेव…. के बाद पाहि पाहि अम्बा के पश्चात श्री अय्यप्पा स्वामी की स्तुति.. व अन्य प्रस्तुतियां दी। साथी कलाकार में सुश्री नव्या, सुश्री नंदिनी, सुश्री अनाखा, सुश्री साईश्री , प्राणांजलि, ग्नापिक ने प्रस्तुति दी।
श्रावण महोत्सव की तृतीय संध्या की अंतिम प्रस्तुति सुश्री अनन्या गौड़, उज्जैन के कथक नृत्य की प्रस्तुति हुई | अनन्या द्वारा प्रस्तुति का आरंभ अपने गुरु पंडित राजेन्द्र गंगानी द्वारा रचित गणपति वंदना जिसके बोल हैं “गजवदन, गजविनायक, गजमुख, गजानन, गजाकार।” से किया | तत्पश्चात कथक नृत्य के ताल पक्ष में जयपुर घराने की पारंपरिक बंदिशें, उठान, शिव परण, परण आमद, तिहाई, कवित्त, तोड़े, टुकड़े, अनाघात बंदिशें और गत निकास आदि की प्रस्तुति के उपरान्त भाव पक्ष – द्रौपदी प्रसंग – गुरु पंडित राजेन्द्र गंगानी द्वारा रचित बंदिश जिसके बोल हैं “आज राखो मोरी लाज केशव, विवश है नारी, सब दुशासन।” से अपनी प्रस्तुति का समापन किया | अनन्या के साथ तबला पर श्री योगेश गंगानी, गायन और हारमोनियम पर जनाब श्री समी उल्लाह खां , पढंत पर सुश्री अनघा हरिदास एवं बांसुरी पर श्री सुरेंद्र स्वर्णकार ने संगत की |
कार्यक्रम के प्रारंभ में दीप प्रज्जवलन मुख्य अतिथि श्री विजयशंकर गुप्ता, श्रीमती अपेक्षा बिलवाल गुप्ता- सहायक संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा उज्जैन सहित श्रावण महोत्सव के कलाकारों द्वारा किया गया ।
दीपप्रज्जवलन के पश्चात सभी गणमान्य अतिथियों का दुपट्टा, प्रसाद व स्मृति चिन्ह़् देकर सम्मान किया गया। इसके पश्चात अतिथियों द्वारा प्रस्तुति हेतु पधारे सभी कलाकारों एवं सहयोगी कलाकारों का दुपट्टा, प्रसाद व स्मृति चिन्ह़् देकर स्वागत व सम्मान किया गया।.
मंच संचालन श्री दीपक कोडापे द्वारा किया गया।