नई दिल्ली। गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचाई एक दुर्लभ उपलब्धि हासिल करने के करीब पहुंच गए हैं। उनकी नेटवर्थ एक अरब डॉलर पहुंचने वाली है। पिचाई बिलिनेयर लिस्ट में शामिल होने वाले दुनिया के पहले नॉन-फाउंडर टेक एग्जीक्यूटिव होंगे। पिचाई साल 2015 में गूगल के सीईओ बने थे। उसके बाद से कंपनी के स्टॉक में 400 प्रतिशत से अधिक तेजी आई है। एसएंडपी और नसदाक की तुलना में इस शेयर का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है। शुक्रवार को कंपनी ने अपनी पहली तिमाही के नतीजों की घोषणा की। इस दौरान कंपनी की इनकम उम्मीदों से बेहतर रही है। इससे कंपनी का शेयर नए रेकॉर्ड पर पहुंच गया। क्लाउड कंप्यूटिंग यूनिट में एआई ड्रिवन ग्रोथ से कंपनी की इनकम बढ़ी है। कंपनी ने अपने इतिहास में पहली बार लाभांश भी दिया है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक पिचाई की नेटवर्थ एक अरब डॉलर के करीब पहुंच गई है। कंपनी के शेयरों में तेजी और शानदार स्टॉक अवॉर्ड के दम पर पिचाई दुनिया में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले एग्जीक्यूटिव्स में शामिल हैं। 51 साल के पिचाई को साल 2015 में गूगल के को-फाउंडर लैरी पेज ने गूगल का सीईओ बनाया था। तब पेज कंपनी की नवगठित होल्डिंग कंपनी अल्फाबेट के सीईओ बने थे। साल 2019 लैरी पेज और को-फाउंडर सर्गेई ब्रिन ने खुद को डे-टु-डे कामों से अलग करने का फैसला किया था। तब पिचाई को अल्फाबेट के सीईओ की पोस्ट भी मिल गई। पेज और ब्रिन दुनिया के टॉप 10 अमीरों में शामिल हैं। पेज 146 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के छठे बड़े रईस हैं जबकि ब्रिन 139 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ इस लिस्ट में सातवें नंबर पर हैं।पिचाई अमेरिका में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ हैं। उन्हें साल 2022 में 22.6 करोड़ डॉलर की सैलरी मिली। अगर भारतीय रुपयों में देखें तो यह 18,84,39,13,900 रुपये बैठती है। यानी पिचाई को पिछले साल रोजाना 5,16,27,161 रुपये मिले थे। पिचाई ने इस मुकाम पर पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले पिचाई का बचपन संघर्षों में गुजरा। उनके पास पढ़ाई के लिए कोई अलग कमरा नहीं था। वह ड्राइंग रूम के फर्श पर अपने छोटे भाई के साथ सोते थे। घर में न तो टेलीविजन था और न ही कार।
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May 16, 2024