नई दिल्ली(ऊषा माहना /माधव एक्सप्रेस)
ग्लोबल मिडास कैपिटल (जीएमसी), एक अंतरराष्ट्रीय बुटीक निवेश बैंकिंग सलाहकार संगठन और ग्लोबल मिडास फाउंडेशन (जीएमएफ) एक सामाजिक संगठन ने संयुक्त रूप से ग्लोबल मिडास इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (जीएमआईसीसी) लॉन्च किया है। जीएमआईसीसी के संस्थापक सरदार इंदर प्रीत सिंह ने बताया कि यह एक अनोखा बिजनेस टू गवर्नमेंट (बी2जी) और बिजनेस टू बिजनेस (बी2बी) प्लेटफॉर्म है, इस चैंबर के पीछे मुख्य उद्देश्य भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कॉरपोरेट्स को केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों के निवेशक सम्मेलन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए एक समन्वय मंच प्रदान करना है। इसी के साथ ये चैंबर भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कॉरपोरेट्स के लिए उनकी विस्तार योजना के साथ-साथ उनके द्वारा शुरू की जा रही परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए धन जुटाने के लिए एक संसाधनपूर्ण मंच प्रदान करेगा। इसी के साथ ग्लोबल मिडास इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (जीएमआईसीसी) अंतरराष्ट्रीय व्यापार एक्सपोर्ट और इंपोर्ट के अवसरों को सुविधाजनक बनाने के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करेगा। सरदार इंदर प्रीत सिंह ने निवेश के साथ सामाजिक स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे के निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया जिसमे वेलनेस, नेचुरोपैथी, योगा, जानलेवा और बढ़ती हुई बीमारियां जैसे कैंसर, नशे का सेवन, किडनी ट्रांसप्लांट एंड डायलिसिस, बांझपन और आईवीएफ इत्यादि शामिल है । सोशल हैल्थकारे इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए ट्रेनिंग और ट्रीटमेन्ट में निवेश करने की जरूरत है जिससे देश भर में अफोर्डेबल और घर घर तक यह स्वास्थय सेवाएं पहुंचाई जा सकती हैं। शिक्षा, अफोर्डेबल हाउसिंग, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, बिजली और ऊर्जा, सार्वजनिक उपयोगिताएँ आदि अन्य क्षेत्र होंगे जो दुनिया भर में ऐसी कॉर्पोरेट भागीदारी को आमंत्रित करेंगे। दूतावासों और अंतर्राष्ट्रीय मौजूदा व्यापार मंडलों और कॉर्पोरेट घरानों ने विश्व स्तर पर कल्याण और विकास के लिए मिलकर, ग्लोबल मिडास इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (जीएमआईसीसी) के इस प्रयोजन को सराहा है और समर्थन देने की इच्छा जताई है।
सरदार इंदर प्रीत सिंह, जो स्वयं निवेश बैंकरों की अपनी विशेषज्ञ टीम के साथ, जिनके पास उत्कृष्ट अंतरराष्ट्रीय ट्रैक रिकॉर्ड और विशेषज्ञता है, भारत भर में अंतर्राष्ट्रीय निवेश, आर्थिक विकास और नौकरी सृजन को बढ़ावा देने में योगदान देने के लिए मिलकर काम करेंगे। इसी के साथ कॉरपोरेट्स को प्रोजेक्ट इन्वेस्टर्स, डेवलपर्स, ईपीसी और टेक्नोलॉजी नॉलेज पार्टनर्स के रूप में भाग लेने के लिए लाया जाएगा। इसके अलावा बड़े पैमाने पर कौशल विकास, महिला उद्यमिता, ग्रामीण रोजगार और युवा सशक्तिकरण बनाने के लिए संयुक्त उद्यम, विलय और अधिग्रहण जैसे अंतरराष्ट्रीय गठबंधन पर जोर दिया जाएगा। यह सब एक सकारात्मक प्रभाव पैदा करेगा जिसके परिणामस्वरूप सभी राज्यों में आय सृजन होगा और सामूहिक रूप से राष्ट्र निर्माण होगा।