
शाजापुर। पूर्व मंत्री पर एफआईआर दर्ज किए जाने के मामले में कांग्रेस ने प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। शनिवार को बड़ी संख्या में कांग्र्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और राज्यपाल के नाम तहसीलदार राजाराम करजरे को ज्ञापन सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि पाड़ा गांव के पास सीप नदी का बड़ा पुल एक साल पहले क्षतिग्रस्त हो गया, जिसकी जगह एक छोटा पुल 3 करोड़ 72 लाख रुपए की लागत से टेण्डर की शर्तों के अनुसार 3 महीने में बनना था, लेकिन लगभग 01 वर्ष में पुल बनाया गया और पुल बनकर तैयार होने के एक माह बाद भी उसका लोकार्पण नही किया गया जिसकी वजह से क्षेत्र के लोगों को 55 किलो मीटर घुमकर निकलना पड़ रहा था। पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं सोनकच्छ विधायक सज्जनसिंह वर्मा 30 जून 2021 को नसरुल्लागंज होते हुए नैमावर जा रहे थे, तभी रास्ते में उन्होने स्थानीय लोगों की समस्या को देखते हुए पुल से स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर आवागमन चालू करा दिया। वर्मा के इस जनहितैषी कार्य से बौखलाकर मप्र सरकार ने उनके खिलाफ एवं स्थानीय नागरिकों के खिलाफ गोपालपुर थाना नसरुल्लागंज में एफाईआर दर्ज करा दी। ज्ञापन में बताया कि विधानसभा के सदस्य के खिलाफ शासन एवं विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बिना कोई भी प्रकरण दर्ज नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके बाद भी वर्मा पर प्रकरण दर्ज किया जाना प्रदेश सरकार की तानाशाही को बयां करता है। ज्ञापन में एफआईआर निरस्त किए जाने की मांग की गई। साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि विधायक वर्मा और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को नही हटाया गया तो पूरे प्रदेश में कांग्रेस द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।
ज्ञापन देते समय बालकृष्ण चतुर्वेदी, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष इरशाद खान, युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष जयंतसिंह सिकरवार, सीताराम पवैया, राजेश पारछे, मूसा आजम खान सहित कांग्रेसजन उपस्थित थे।