अभिभावक समझते हैं कि छोटे बच्चे कुछ नहीं समझते जो सही नहीं है। बच्चों को कई बार लोग झूठ बोलकर बहला देते हैं पर अगर आप ये समझते हैं कि बच्चे आपकी बातों में आ गए हैं, तो यह आपकी भूल है। एक शोध के अनुसार ढाई साल या इससे ज्यादा उम्र के बच्चे दूसरों की झूठी बातों को समझ सकते हैं। वे लोगों के झूठ बोलने, धोखेबाजी और बहानेबाजी को आसानी से पहचान लेते हैं। इस शोध में 140 से ज्यादा बच्चों को शामिल किया गया, जिनकी उम्र ढाई साल के करीब थी।
शोधकर्ता इस गलत धारणा को हटाना चाहते थे कि क्या वास्तव में ढाई साल के बच्चों को माता-पिता के झूठ का अंदाजा नहीं लगता। शोधकर्ताओं ने संदेह जताया कि बच्चों को इसे समझने के लिए ज्यादा विकसित होना चाहिए हालांकि शोध के दौरान बच्चे शोधकर्ताओं की उम्मीदों से कहीं ज्यादा आगे निकले। निष्कर्षों से पता चलता है कि करीब ढाई साल की उम्र के बच्चों से माता-पिता जब झूठ बोलते हैं, तो वे पहचान जाते हैं। युवा बच्चों के अभिभावकों और छोटे बच्चों के शिक्षकों को इस बारे में जागरूक रखना चाहिए क्योंकि बच्चे वैसा ही करेंगे जैसा बड़े लोग उन्हें बतायेंगे। इस प्रकार उनको अगर आप झूठ बोलने की आदत से बचाना चाहते हैं तो हमेशा सच बोलें। बच्चों के समक्ष कभी भी ऐसा व्यवहार नहीं करें जिससे वह गलत दिशा में जायें।
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June 25, 2023