नई दिल्ली (ईएमएस)। मोदी सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत राशि जारी करने में विपक्षी राज्यों के साथ भेदभाव के आरोप को सिरे से खारिज कर बुधवार को कहा कि केंद्र धन देने के लिए तैयार है लेकिन कुछ नियम हैं जिनका राज्यों को पालन करना चाहिए। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि पश्चिम बंगाल को 2019 में केंद्रीय दल द्वारा की गई जांच पर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) देने के लिए कहा गया। लेकिन राज्य सरकार की ओर से यह रिपोर्ट तीन साल तक नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह रिपोर्ट 2022 में दी।
दरअसल तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार ने पूछा था कि मनरेगा के तहत राज्य को पिछले तीन साल में कोई धन राशि क्यों नहीं दी गई। उन्होंने मोदी सरकार पर बंगाल के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री ज्योति ने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करती। उन्होंने कहा कि राज्यों के लिए कुछ नियम हैं जिनका उन्हें पालन करना चाहिए और केंद्र राशि देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को मनरेगा के तहत 2006 से 2014 तक 14 हजार 985 करोड़ रुपये दिए गए वहीं 2014 से अब तक 94 हजार 185 करोड़ रुपये दिए गए है।