इन्दौर । रहवासियों के भारी विरोध के बावजूद अदालत के निर्देश पर कार्रवाई करते शालीमार टाउनशिप के पीछे की ओर बने दोनों गेट नगर निगम की रिमूवल गैंग ने तोड़ दिए। अब रहवासी संघ अदालती कार्रवाई का ब्योरा जुटाने में लगे हुए है। मामले में बताया जा रहा है कि शालीमार टाउनशिप में नगर निगम का रिमूवल अमला दलबल सहित पहुंच गया और टाउनशिप के पीछे की ओर बनाए गए दोनों गेट तोड़ने लगा। नगर निगम की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए रहवासियों ने नाराजगी जताई और कहा कि यदि कार्रवाई करनी थी तो पहले नोटिस भेजते लेकिन हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया और बिना नोटिस गेट तोड़ने की कार्रवाई की जाना सही नहीं है। इस पर निगम रिमूवल अमले के साथ मौजूद अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई अदालत के आदेश से हुई है। इसके लिए नोटिस देना जरुरी नहीं है। रहवासियों का कहना था कि एकाएक आकर गेट तोड़ने से पूरी टाउनशिप की सुरक्षा को खतरा बढ़ गया है। कोई भी असामाजिक तत्व आसानी से घुसकर कोई अप्रिय वारदात को अंजाम दे सकता है। इस पर निगम अधिकारी कुछ नहीं बोले और गेट तोड़कर लौट गए। वहीं नाराज रहवासियों ने मामले की जानकारी जुटाना शुरु कर दी है। टाउनशिप रहवासी संघ के मुताबिक शालीमार टाउनशिप में करीब दो हजार लोग रहते हैं। विभिन्न परिवारों की सुरक्षा के लिहाज से टाउनशिप की बाउंड्री और गेट बने हुए हैं। ऐसे में निगम ने कार्रवाई के नाम पर यदि गेट और बाउंड्री तोड़ दी तो सभी रहवासी असुरक्षित हो जाएंगे। हमारी समस्या को समझे बिना निगम ने जो कार्रवाई की है वह उचित नहीं है हम उसका विरोध करेंगे। वहीं नगर निगम जोन 7 के भवन अधिकारी पीडी कुशवाह का कहना है कि शालीमार टाउनशिप जिस जमीन पर बनी हुई है वह जमीन आईडीए की योजना 114 में शामिल थी। जब टाउनशिप बनी तो कालोनाइजर ने पीछे की कॉलोनी के रहवासियों को सड़क देने की सहमति पर कॉलोनी विकसित की थी। अब टाउनशिप नगर निगम के अधीन है। इसके चलते सड़क को लेकर अदालत में याचिका पर होने वाली सुनवाई के दौरान अदालत के निर्देश पर शालीमार टाउनशिप के गेट तोड़ने की कार्रवाई की गई है।