नई दिल्ली । किरीट पारेख समिति ने सीएनजी को जीएसटी के दायरे में लाए जाने तकसीएनजी पर लगने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती करने का सुझाव केंद्र सरकार को दिया है।
प्राकृतिक गैस की समीक्षा के लिए गठित पारिख समिति ने पिछले दिनों पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। प्राकृतिक गैस को वस्तु एवं सेवा कर के दायरे में लाने की अनुशंसा की है। साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा है कि जब तक प्राकृतिक गैस को जीएसटी के समूह में शामिल नहीं किया जाता है। तब तक सरकार उत्पाद शुल्क में कमी करे।
2017 में लागू जीएसटी में इसे कर प्रणाली से बाहर रखा गया है।
समिति ने कहा है सीएनजी पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क राज्यों का वेट करकेंद्रीय बिक्री कर अभी भी मौजूद है। जिससे सीएनजी की कीमतें काफी बढ़ जाती हैं। केंद्र सरकार सीएनजी पर 14 फ़ीसदी की दर से उत्पाद शुल्क वसूल करती है।