नई दिल्ली। इंडोनेशिया के बाली में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री के संदेश ‘आज का युग युद्ध का नहीं’ को गंभीरता से लिया गया। पीएम मोदी के इस बयान पर मुहर लगाते हुए जी-20 ने अपने मसौदे में शामिल किया है। इस मसौदे में यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की निंदा करते हुए जी-20 अब पीएम मोदी के इस संदेश का उपयोग करेगा। वहीं जी-20 का यह आह्वान ‘परमाणु हथियारों के प्रयोग या प्रयोग की धमकी अस्वीकार्य है प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर आधारित है।
जहां तक जी-20 के मसौदे का संबंध है यूक्रेन और रूस के मामले को भारत के अध्यक्षता के प्रारंभ होने से पहले सुलझा लेने की कोशिश है। विकासशील देशों और उभरते बाजारों के भारत के नेतृत्व के कारण ही एक पूर्ण घोषणा सामने आई है। केवल भारत के कारण ही आम सहमति बन सकी है। वहीं भारत के सुझाव कि गहरे विभाजन को देखते हुए, यूक्रेन मामले को एक समावेशी पैराग्राफ के माध्यम से सुलझाया जाए, ने पांच दिनों की चर्चा के बाद घोषणा में सहमत भाषा का मार्ग प्रशस्त किया है। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत ने अपनी स्थिति हमेशा पूरी तरह संतुलित रखी है।
इसके साथ ही मसौदे में कहा गया है कि इस साल हमने यूक्रेन में हो रहे युद्ध के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव को देखा है। कई देशों ने जी-20 की स्थिति को दोहराया है और अधिकांश सदस्यों ने इस युद्ध की कड़ी निंदा की है। इसमें आगे कहा गया है कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या इस्तेमाल की धमकी अस्वीकार्य है। आज के दौर में संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान, संकटों को दूर करने के प्रयास, कूटनीति और संवाद महत्वपूर्ण हैं। शांति पर जोर देते हुए इसमें कहा गया है कि आज का युग युद्ध का नहीं है।
मालूम हो कि ‘आज का युग युद्ध का नहीं’ बयान पहली बार पीएम मोदी द्वारा द्वारा उज़्बेकिस्तान में शिखर सम्मेलन के मौके पर दिया था। उस समय रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ पीएम मोदी की आमने-सामने मुलाकात हुई थी। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन से इतर पुतिन के साथ बैठक में पीएम ने कहा था कि मैं जानता हूं कि आज का युग युद्ध का नहीं है और मैंने इस बारे में आपसे फोन पर भी बात की है।