कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन के 7 सितम्बर को होने वाले चुनाव में राजस्थान के कांग्रेस नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का कार्यकारी अध्यक्ष बनना तय हो गया है।
हालांकि इन तमाम बैठकों और चर्चाओं के बीच में एक बात यह भी उभर कर सामने आ रही है कि क्यों न इस बार गांधी परिवार से हटकर किसी दूसरे को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए। हालांकि इस पर भी सहमति नहीं बनी है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की आगामी पदयात्रा से पहले कार्यसमिति की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली जाएगी। उसी आधार पर चुनाव की प्रक्रिया होगी।
दिल्ली, कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन के 7 सितम्बर को होने वाले चुनाव में राजस्थान के कांग्रेस नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का कार्यकारी अध्यक्ष बनना तय हो गया है।
सोमवार को केंद्रीय संगठन में राजस्थान से एक सदस्य ने बताया कि पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कार्यकारी के स्थान पर संगठन का मुखिया ही बनाया जा रहा था। लेकिन,गहलोत ने पद पर आने से मना कर दिया। इसके बाद,राहुल गांधी के फिर अध्यक्ष बनने से मना करने पर दो कार्यकारी पदों की सहमति बनी है। इनमें उत्तर भारत से राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर पूर्ण रूप से सहमति हो चुकी है।
उसकी मुख्य वजह ये भी है कि वे राहुल गांधी के नजदीकी है। साथ ही सचिन कि उम्र 50 साल से कम भी है।
वहीं,दूसरी ओर सचिन, राहुल गांधी की उस टीम में भी है,जो भारत जोड़ो अभियान शुरू करेगी।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दो कार्यवाहक अध्यक्ष की सूची में एक उत्तर भारत से तथा दूसरा कार्यवाहक अध्यक्ष दक्षिण भारत से लिए जाने की चर्चा है।
उत्तर भारत से कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर सचिन पायलट का नाम चल रहा है…।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया अगले कुछ दिनों में पूरी होने का अनुमान है।
अभी तक की जानकारी के मूताबिक़ कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष की सूची से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का नाम फिलहाल बाहर बताया जा रहा है।
अनुमान है कि सोनिया गांधी को अगले पांच साल के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
वहीं राज्य में बनाई गई कांग्रेस कमेटी की तर्ज पर केंद्र में भी कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्षों की जिम्मेदारी दी जाएगी।
चर्चा है कि कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष होंगे। हालांकि पार्टी की ओर से अभी तक इस पर कोई अधिकारी बयान नहीं जारी हुआ है।
लेकिन जानकारों के मुताबिक सितंबर के दूसरे सप्ताह तक कांग्रेस की कार्यकारिणी और राष्ट्रीय अध्यक्ष तय हो जाएगा।
राहुल गांधी का अध्यक्ष बनने से इनकार..
सूत्रों का कहना है कि अगले एक महीने के भीतर ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय कार्यकारिणी के चुनाव की घोषणा हो सकती है।
चूंकि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया है। ऐसे में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर कई अन्य चेहरों पर चर्चा हुई है।
सूत्रों का कहना है कि एक बार फिर से गांधी परिवार के ही सदस्य प्रियंका गांधी के नाम की चर्चा हुई, लेकिन वहां पर भी बात नहीं बनी।
कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि अगर सर्वसम्मति रहती है तो सोनिया गांधी को अगले पांच साल के लिए एक बार फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी इस बार दो कार्यवाहक अध्यक्ष बनाने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर कांग्रेस के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक भी हो चुकी है।
कांग्रेस से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं, इस बार नई व्यवस्था के तहत फिलहाल तो यही हो रहा है कि दो कार्यवाहक अध्यक्ष भी राष्ट्रीय स्तर पर बनाए जाएं।
उक्त वरिष्ठ नेता का कहना है कि अभी दो राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष के मसौदे पर चर्चा का ही दौर चल रहा है। इसलिए यह कहना मुश्किल होगा कि इस पर पूरी तरीके से सहमति बन चुकी है। लेकिन यह तय है कि इस तरीके की नई व्यवस्था के बारे में पार्टी आलाकमान और वरिष्ठ पदाधिकारियों के बीच में चर्चाएं तो हुई ही हैं।
कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि नई व्यवस्था पर ज्यादातर नेताओं की आम सहमति बन रही है।
इसकी प्रमुख वजह यही है कि पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी को एक बार फिर से जिम्मेदारी दिए जाने पर ज्यादातर लोग सहमत हैं। क्योंकि सोनिया गांधी अस्वस्थ रहती हैं इसलिए उनके पूर्णकालिक अध्यक्ष होने पर दो कार्यवाहक अध्यक्ष की नियुक्ति की चर्चा पर ज्यादातर लोग सहमत हो रहे हैं।
दो उपाध्यक्ष बनाने की तैयारी!..
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दो कार्यवाहक अध्यक्ष की सूची में एक उत्तर भारत से तथा दूसरा कार्यवाहक अध्यक्ष दक्षिण भारत से लिए जाने की चर्चा चल रही है।
सूत्रों का कहना है कि उत्तर भारत से जिस नेता का नाम कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर चल रहा है उसमें पहला नाम सचिन पायलट का है। क्योंकि सचिन पायलट को लेकर बीते कुछ दिनों से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें न सिर्फ आगे बड़ी जिम्मेदारी देने का आश्वासन दिया है, बल्कि खुले मंच से एक बार तो राहुल गांधी ने भी उनके धैर्य की परीक्षा की तारीफ की थी।
ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि सचिन पायलट मजबूत दावेदार कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर उभरे हैं।
हालांकि दूसरे नाम के तौर पर राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ नेता का नाम भी सामने आया है।
जबकि दक्षिण भारत से कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर मलिकार्जुन खड़गे और केरल के प्रदेश अध्यक्ष के सुधाकरण समेत केरल के दो अन्य वरिष्ठ नेताओं का नाम की चल रहा है।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी दो कार्यकारी अध्यक्ष के साथ-साथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा चल रही है।
कांग्रेस से जुड़े एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि अगर कार्यकारी अध्यक्ष पर आम सहमति नहीं बनती है, तो दो राष्ट्रीय उपाध्यक्षों के माध्यम से पार्टी अध्यक्ष के कार्य को हल्का किया जाएगा।
हालांकि इन तमाम बैठकों और चर्चाओं के बीच में एक बात यह भी उभर कर सामने आ रही है कि क्यों न इस बार गांधी परिवार से हटकर किसी दूसरे को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए। हालांकि इस पर भी सहमति नहीं बनी है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की आगामी पदयात्रा से पहले कार्यसमिति की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली जाएगी। उसी आधार पर चुनाव की प्रक्रिया होगी।