कोरबा-कोरबा जिले के एसईसीएल की रजगामार कोल परियोजना में जिस तरह से बंकर गिरने से एक मजदूर की मौत हुई थी उसे कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड के सदस्य ने काफी दुर्भाग्यजनक बताया है। कोरबा दौरे के दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, कि जिले में संचालित विभागीय अस्पतालों के स्थिति भी काफी खराब है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी होने के साथ ही सुविधाओं के नाम पर कोल कर्मियों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है।
कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड के सदस्य अख्तर जावेद उस्मानी ने कोरबा के एसईसीएल प्रबंधन पर काफी गंभीर आरोप लगाए है। उनका कहना है, कि प्रबंधन को अपने कर्मचारियों के हितों से कोई सरोकार नहीं है। सुरक्षा में लापरवाही बरती जा रही है जिससे हादसों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। पिछले दिनों रजगामार खदान में बंकर गिरने से राधेश्याम नामक एक कोलकर्मी की मौत हो गई थी। इस हादसे को लेकर उन्होंने खदान के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए है। उनका कहना है, कि जिम्मेदार अधिकारी जब मौके पर थे तब उन्होंने क्यों पंप आपरेटर को यह कार्य करने दिया। उन्होंने यह भी कहा, कि कोल माइंस एक्ट में हर कोलकर्मी का तीन साल में स्वास्थ्य परीक्षण होता है लेकिन प्रबंधन एक भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका।
कोरबा पहुंचे कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड के सदस्य ने खदानों का निरीक्षण करने के साथ ही विभागीय अस्पताल का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया, कि अस्पताल की स्थिति भी काफी खराब है। डाॅक्टरों की कमी है वहीं सुविधाओं का भी काफी अभाव है। कोल कर्मियों के परिवारों के साफ पानी नहीं मिल पा रहा है और भी ऐसी कई समस्याएं है जिनके समाधान को लेकर प्रबंधन गंभीरता नहीं दिखा रहा।
कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड के सदस्य ने कहा, कि जिस तरह से हादसे में एसईसीएल कर्मी की हादसे में मौत हुई है उसकी जांच कराई जाएगी। जांच के दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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November 21, 2024