जन अभियान परिषद ने आदि गुरु शंकराचार्य के जन्म जयंती पर मनाया एकात्म पर्व – किया व्याख्यानमाला का आयोजन
यौवन रूपी पुष्प राष्ट्र को समर्पित करने से बनता है जीवन महान – बैरागी
थांदला से (विवेक व्यास, माधव एक्सप्रेस) आदि गुरु शंकराचार्य की 1234वीं जयंती मध्यप्रदेश शासन के निर्देश पर साप्ताहिक एकात्म पर्व के रूप में मनाई जा रही है। इसी तारतम्य में जन अभियान परिषद थांदला द्वारा एकात्म पर्व एवं शंकराचार्य के जीवन दर्शन पर व्याख्यानमाला का आयोजन स्थानीय जनपद सभा भवन पर किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष और मध्यप्रदेश शासन में राज्य मंत्री भरतदास बैरागी, अध्यक्षता संभाग समन्वयक जन अभियान परिषद अमित शाह, विशेष अतिथि के रूप में शासकीय महाविद्यालय थांदला की प्रोफेसर डॉ सुनीता राज सौलंकी, आजाद युवा मित्र मंडल अध्यक्ष युवा नेता संजय भाबर, भारतीय प्रेस आयोग मध्यप्रदेश अध्यक्ष समकित तलेरा एवं जिला समन्वयक जय दीक्षित तथा बी एड कॉलेज के प्रोफेस आनन्द दुबे ने मुख्य वक्ता के रूप में कार्यक्रम में सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन पवन नाहर पत्रकार, राष्ट्रीय ग्रमीण पत्रकार संघ एवं अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के जिला उपाध्यक्ष विवेक व्यास ओर सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा समस्त अतिथियों का परिचय दिया गया। व्याख्यान माला की शुरुआत अतिथियों द्वारा आदि गुरु शंकराचार्य एवं भारत माता के चित्र पर माल्यर्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया। जन अभियान परिषद के कार्यकर्ताओं ने मंचासीन अतिथियों को पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया वही जिला समन्वयक जय दीक्षित ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि भरतदास बैरागी द्वारा प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया की आदि गुरु शंकराचार्य ने 8 वर्ष की उम्र में ही सन्यास ले लिया और पूरा जीवन जन जाति वर्ग को समर्पित कर दिया। उन्होनें कहा कि यौवन रूपी पुष्प तभी महान बनता है जब वह राष्ट्र के लिए समर्पित होता है इसलिए सभी को राष्ट्र के लिए कुछ करने का संकल्प लेना चाहिए इसकी शुरुआत जल व पेड़ बचाने से की जा सकती है। कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता आनन्द दूबे ने कहा की वर्तमान समय में भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए आदि गुरु शंकराचार्य के आदर्शों की पुनः आवश्यकता है। उन्होनें एकात्मवाद का विस्तृत वर्णन करते हुए आत्मा की शक्ति से सबको रूबरू करवाया। डॉक्टर सुनीता सौलंकी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज ऐसी माताओं की आवश्यकता है जो शंकराचार्य और विवेकानंद जैसे व्यक्तिव को जन्म दे वही उन्होंनें अपना जीवन साध्वी रूप में आध्यात्म को समर्पित करने में आदि गुरु की प्रेरणा बताई।
मंदिरों का जीर्णोद्धार एवं पुजारियों के लिए वेतन की मांग
आयोजन के विशेष अतिथि संजय बाबर ने क्षेत्र में प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार व वहाँ के पुजारियों को शासन द्वारा वेतन दिए जाने की मांग रखी गई जिसके सन्दर्भ में राज्यमंत्री बैरागी ने कहा कि मन्दिर की पंजीकृत समिति बनाई जाने के बाद पुरातत्व विभाग से मांग किये जाने पर अनुदान दिया जा रहा है वही प्रदेश में मन्दिर पुजारियों की लिस्ट बनाने के बाद इसे प्रदेश सरकार के ध्यानाकर्षण में लाकर उन्हें वेतन दिए जाने की मांग की जा सकती है। इसके लिए उन्होनें जन अभियान परिषद को मन्दिरों की सूची बनाने की बात कही।
पशु पक्षी बचाओं अभियान की शुरुआत
इस अवसर पर भारतीय प्रेस आयोग मध्यप्रदेश प्रभारी कार्यक्रम संचालक पवन नाहर एवं विशेष अतिथि समकित तलेरा ने मंचासीन अतिथियों को शंकराचार्य के नैतिक मूल्यों व एकात्मवाद सिद्धान्त के दीर्घकालिक चिंतन पर पर्यावरण सुरक्षा के साथ पशुओं व पक्षियों के लिए जीव दया के कार्यों से अवगत करवाया गया इस अवसर पर उनके द्वारा पक्षियों के लिए लाए गए पानी के सिकोरें का वितरण किया गया। कार्यक्रम के अंत में विकास खण्ड समन्वयक वर्षा डोडियार द्वारा समस्त अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में प्रस्फुटन समिति सदस्य, नवांकुर संस्था प्रतिनिधि, कोरोना वालेंटियर, सीएमसीएलडीपी छात्र – छात्राएं, कमजी कटारा, अजय परमार, यशवंत बामनिया, गंगाराम निनामा, सीलु मईड़ा, शान्तिलाल मईड़ा, अमित वसुनिया, हवसिंग कटारा, पारू डामोर आदि उपस्थित थे।