रायपुर, 16 नवंबर । उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने वाले छत्तीसगढ़ के 14 शासकीय अस्पतालों को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। इनमें 10 आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र, 03 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेषज्ञों की टीम द्वारा विगत अक्टूबर व नवंबर माह में इन अस्पतालों में मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण के बाद राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने गुणवत्ता आश्वासन के मानकों पर खरा उतरने वाले स्वास्थ्य केंद्रों को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं लगातार बेहतर हो रही हैं और 14 शासकीय अस्पतालों को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र मिलना इसी का नतीजा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा महासमुंद ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र भदरसी को 91.29 प्रतिशत , बड़े टेमरी को 90.27 प्रतिशत, झलप को 91.93 प्रतिशत व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नयापारा को 88.89 प्रतिशत के साथ सूरजपुर ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र नवापाराकला को 76.09 प्रतिशत, धरमपुर को 87.75 प्रतिशत व कांकेर जिले आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र मुसरपट्टा को 94.2 प्रतिशत, पीवी89 को 85.58 प्रतिशत, कोदागांव को 93.36 प्रतिशत, माकरीखुना को 81.54 व बलौदाबाजार ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केन्द्र ठेलकी को 86.83 प्रतिशत, रायगढ़ जिले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र छर्राटानगर को 82.39 प्रतिशत, बस्तर जिले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र जमावड़ा को 88.99 प्रतिशत व रायपुर ज़िले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र सिलयारी को 88.15 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं ।
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र प्रदान करने के पूर्व विगत माह भारत सरकार के विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया गया। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं।