सूरजपुर/ 09 अक्टूबर 2024
संविधान के 73वें संविधान संशोधन 1993 के तहत स्थानीय स्व शासन हेतु पंचायती राज व्यवस्था अनुरूप ग्राम/ग्राम पंचायत में स्वशासन की अवधारणा के अंतर्गत 29 विषय निर्धारित किये गये हैं। जिसका क्रियान्वयन विभिन्न विभागों के द्वारा किया जाता है। ग्राम स्तरीय प्रशासन को जनोन्मुख, पारदर्शी एवं संवेदनशील बनाने के लिये ग्राम पंचायत स्तर पर छ.ग. शासन द्वारा 26 जनवरी 2004 से प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्रामीण सचिवालय की स्थापना की गई है जिसका उद्देश्य ग्रामवासियों की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं का निराकरण स्थानीय स्तर ही संपन्न की जा सके। ग्रामीण सचिवालयों के सुचारू संचालन एवं मॉनिटरिंग के अनुक्रम में निम्न निर्देश प्रसारित किए जा रहे है।
ग्रामीण सचिवालय में प्रातः 11:00 बजे से 03:00 बजे तक आवेदनों को प्राप्त किया जाएगा। 03:00 बजे से 06:00 बजे तक ग्राम पंचायत स्तर पर निराकरण योग्य प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया जाना है व उच्च कार्यालय में निराकरण हो सकने योग्य आवेदनों को संबंधित विभाग के ग्राम स्तर अधिकारी द्वारा अपने उच्च अधिकारी को प्रेषण किया जाना है। ग्राम पंचायत स्तर पर प्राप्त आवेदनों की जानकारी संकलन हेतु पंजी संधारण किया जायेगा। प्राप्त आवेदनों से संबंधित विभाग को अवगत कराने तथा विभाग से समन्वय कर आवेदनों के निराकरण कराने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत उत्तरदायी होंगे ।
किसी विभाग के ग्राम स्तरीय कर्मचारी की अनुपस्थिति/अवकाश की दशा में उक्त विभाग के आवेदनों को ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मचारी को उपलब्ध कराने तथा आवेदनों का रजिस्टर संधारण का दायित्व ग्राम पंचायत सचिव का होगा।
ग्रामीण सचिवालय के नोडल अधिकारी उनको सौंपे गए ग्राम पंचायत में निर्धारित दिन में भ्रमण करते हुए ग्रामीण सचिवालय में प्राप्त हुए आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण, ग्रामीण सचिवालय में ग्राम स्तर के अधिकारियों की उपस्थिति, ग्राम पंचायत में स्थित स्कूल, आंगनबाड़ी भवन, आश्रम, छात्रावास, उपस्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण तथा निरीक्षण उपरांत व्यवस्था के सुचारू संचालन हेतु सुधारात्मक उपायों को संबंधित विभाग प्रमुख को अवगत कराएगें । ग्रामीण सचिवालय में सभी ग्राम पंचायत स्तरीय अधिकारी/कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी ।