शिक्षा शेरनी का वह दूध है, जो पीएगा वो दहाड़ेगा‘‘ भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर के इस संदेश में शिक्षा का वह महत्व छिपा है जो किसी गरीब, वंचित समाज को प्रगति के रास्ते पर ले जाकर अलग पहचान दिलाने का काम करता है। जो जितना अधिक शिक्षित होगा, वह उतना ही प्रभावशाली पहचान बना पायेगा। अनुसूचित जिले में शिक्षा के इसी महत्व को ध्यान रखकर कोरबा जिले के कलेक्टर श्री अजीत वसंत द्वारा मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर बेहतर शैक्षणिक माहौल विकसित करने की दिशा में पहल की जा रही है। विगत छह महीने में जिले की शिक्षा व्यवस्था और गुणवत्ता को बेहतर बनाने उन्होंने जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) से जर्जर हो चुके स्कूल भवनों के लिए नवीन भवन की स्वीकृति प्रदान की। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे विद्यालयों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति, शिक्षकों तथा विद्यार्थियों की सुविधाओं के लिए भृत्यों की नियुक्ति की। शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और परीक्षा परिणाम बेहतर करने की दिशा में एकीकृत पाठ्यक्रम प्रणाली, जिले के शासकीय विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्रतिष्ठित संस्था में नीट, जेईई की रायपुर में कोचिंग, 12वीं पास प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने मेडिकल, इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए विशेष छात्रवृत्ति तथा प्राथमिक, मीडिल स्कूल के विद्यार्थियों को स्कूल आने प्रोत्साहित करने मिड डे मील के अतिरिक्त सुबह का नाश्ता देने की पहल की गई है। जाति प्रमाण पत्र बनाने तथा छात्रावासों में आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के भी निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा महाविद्यालयों तथा छात्रावासों में भी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में अनेक कार्य स्वीकृत किए गए हैं।
140 से अधिक नवीन स्कूल भवन बनने से जर्जर भवनों से मिलेगी मुक्ति
जिला प्रशासन कोरबा द्वारा जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों तथा आसपास मौजूद जर्जर स्कूल भवनों का चिन्हांकन कर नए भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। कलेक्टर ने कुल 140 से अधिक नए स्कूल भवन निर्माण, अतिरिक्त कक्ष, जीर्णाेद्धार कार्य हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। दूरस्थ क्षेत्रों सहित आसपास के जर्जर स्कूल भवनों के स्थान पर नए भवन बनने से स्कूल में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों सहित शिक्षकों की समस्याएं दूर होंगी। कई स्थानों पर बारिश के दिनों में छत से पानी टपकने की समस्या है। भवन पुराने हैं। कम कमरे हैं। ऐसे में नवीन भवन स्वीकृति मिलने से विद्यार्थियों सहित शिक्षकों की समस्याएं दूर होंगी।
शिक्षा गुणवत्ता के लिए अतिथि शिक्षक की नियुक्ति
कोरबा जिले के हाई स्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल में विभिन्न विषयों के 116 व्याख्याता के रिक्त पदों पर 1 जुलाई 2024 से स्थानीय स्तर पर उपलब्ध एवं शैक्षणिक योग्यताधारी बेरोजगार युवकों की नियुक्ति अतिथि शिक्षक के रूप में अध्यापन कार्य कराने हेतु किया गया है। इसी तरह इस प्रकार विद्यालयों में समस्त विषयों के व्याख्याताृ हो जाने पर निश्चित रूप से शिक्षा गुणवत्ता में वृद्धि होगी। इसी तरह कोरबा जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर व पहाड़ी कोरवा जनजाति के शिक्षित बेरोजगारों में से 8वीं उत्तीर्ण 77 युवाओं को जिले के माध्यमिक शाला, हाई स्कूल, हायर सेकंडरी स्कूल में चतुर्थ वर्ग भृत्य के रिक्त पदों पर तथा 29 लोगों को प्राथमिक शाला में सहायक शिक्षक के रिक्त पदों पर पदस्थापना की गई है।
सुविधाएं बढ़ने से अध्ययन का माहौल विकसित होता है: शिक्षक
जिले में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के साथ भवन आदि की स्वीकृति पर खुशी जताते हुए शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रजगामार के प्रभारी प्राचार्य श्री रामनाथ बघेल और व्याख्याता श्रीमती एम धनलक्ष्मी ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जर्जर स्कूल भवनों के स्थान पर नए भवन स्वीकृत किए जा रहे हैं। अतिथि शिक्षकों और भृत्य की नियुक्ति की जा रही है। इससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को भी फायदा होगा। पहुँच मार्ग, साइकिल स्टैंड, शेड से स्कूल आने वाले विद्यार्थियों को बहुत सहूलियत होगी। सेवानिवृत्त प्राचार्य श्री घनश्याम जाटवर का कहना है कि पहले की अपेक्षा स्कूलों को काफी सुविधाएं मिलने लगी है। इससे शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्होंने जिला प्रशासन की पहल की सराहना की।