नई दिल्ली(ऊषा माहना/माधव एक्सप्रेस)
पिछले कई दशकों से नाड़ी परीक्षण, आयुर्वेद, एक्यूप्रेशर एवं प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से अब तक अनेकों किडनी, लीवर, कैंसर, पैरालिसिस, मिर्गी, डायबिटिज़ और अनेक लाईलाज बिमारियों का ईलाज कर, मरीज़ों को नया जीवन दिया है। नाड़ी परीक्षण का नियम है कि मरीज़ को नाड़ी परीक्षण से पहले 12 घंटे तक ना ही खाना खाना है ना ही पानी की एक बूंद भी पीनी है। (चाय या दूध भी नहीं पीना ।)
इन्हीं चिकित्सा पद्धतियों का लाभ जन-जन तक पहुंचाने के लिए 24 मई 2023 को दोपहर 03:30 बजे से प्रेस-वार्ता का आयोजन प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, रायसीना रोड, नई दिल्ली पर किया गया था।
पूरे विश्वभर में अपने आयुर्वेदिक ज्ञान का लोहा मनवा रहे श्री लक्ष्मण दास रतन भारद्वाज जी का जन्म 22 अगस्त सन् 1927 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में हुआ। आज आपको पूरा विश्व “गुरुजी” के नाम से जानता है। आप पिछले सात दशकों से अपने अमूल्य ज्ञान जैसे नाड़ी परीक्षण, आयुर्वेद, एक्यूप्रेशर और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से लाखों लोगों के असाध्य से असाध्य रोगों का निवारण करते आ रहे हैं।
आज प्राचीन नाड़ी विद्या को जानने वाले वैद्य भारत में विरले ही बचे हैं, और उन्हीं में से एक हैं गुरुजी भी l जी हां आज मशीनों के माध्यम से जिन रोगों का पता लगाने के लिए मेडिकल साईंस हमसे लाखों रुपये लेती है, उन्हीं रोगों का गुरुजी नाड़ी परीक्षण के द्वारा मात्र 4 से 5 सेकेंड में पता करके बता देते हैं। नाड़ी परीक्षण का नियम है कि मरीज़ को नाड़ी परीक्षण से पहले 12 घंटे तक ना ही खाना खाना है ना ही पानी की एक बूंद भी पीना है। (चाय या दूध भी नहीं पीना ।) गायत्री सिद्ध पंडित श्री लक्ष्मण दास रतन भारद्वाज जी “गुरुजी” ने अपने जीवन के कई वर्ष जंगलों में बिताएं और यही वजह है कि आज उन्हें 10 हज़ार से भी ज्यादा औषधियों का बहुमूल्य ज्ञान प्राप्त है। गुरूजी के मार्गदर्शन में तैयार की जाने वाले सभी दवाएं पूर्ण रुप से आयुर्वेदिक होती है और ये दवाईयां सिर्फ और सिर्फ आप के “स्वस्थ-विचार आश्रम” में मरीज को नाड़ी परीक्षण के बाद ही दी जाती हैl यहाँ आए मरीज को पहले ही दिन से 10 से 15 प्रतिशत का आराम भी मिलने लगता है | आपको बता दें कि पिछले तकरीबन 55 वर्षों से गुरुजी ने अन्न का त्याग कर रखा है। आप केवल दोपहर में छाछ व रात्रि में दूध का सेवन करते हैं। समय साक्षी रहा है कि सभी जगहों से निराश रोगी और जिन रोगों का इलाज करने से डॉक्टर्स भी हाथ खड़े कर देते हैं ऐसे मरीजों को भी गुरूजी ने अपनी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के माध्यम से जीवनदान दिया है। गुरुजी का कहना है आयुर्वेद ही एकमात्र ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसके माध्यम से हम जड़ से रोगों को ख़त्म कर सकते हैं। वो भी बिना किसी की ऑपरेशन के और बिना किसी साइड इफेक्ट के।
पंडित लक्ष्मण दास रतन भारद्वाज गुरुजी की एक पुस्तक स्वस्थ- विचार “स्वस्थ- तन सुखी जीवन” भी प्रकाशित की जा चुकी है, जिसकी वर्तमान में 10 वॉल्यूम है। इन सभी पुस्तकों में घरेलू उपायों के माध्यम से इलाज के सरल उपाय सुझाए गए हैं। जिसके चलते आज बहुत से लोग घर बैठे अपना और अपनों का ईलाज बेहद ही आसान घरेलू उपायों के माध्यम से कर रहे हैं। आपका “संस्कृति 24×7” के नाम से प्रसिद्ध एक धार्मिक चैनल भी है, जिस पर प्रसारित होने वाले गुरुजी के विशेष कार्यक्रम “स्वस्थ-विचार” के माध्यम से वह रोग विशेष की पूर्ण जानकारी लक्षण और उपचार दर्शकों तक पहुंचाते हैं। साथ ही आपके यूट्यूब चैनल भी है जो कि “संस्कृति 24×7” और “स्वस्थ-विचार सेहत की बात” के नाम से अपने दर्शकों के बीच विख्यात है। यहीं नहीं, जिस महामारी को लेकर पूरे विश्वभर में हाहाकार मचा हुआ है उस बीमारी पर गुरुजी ने साल 2020 में फरवरी के महीने में ही अपने दर्शकों के साथ ज्ञान साझा किया था जिसमें उन्होंने लहसुन, अदरक प्याज की त्रिवेणी, नींबू का सेवन जैसी कई स्वास्थ्यवर्धक चीजों की जानकारी दी थी जिसके माध्यम से वह अपना और अपने परिवार का बचाव कर सकें। साथ ही आपने इस बीमारी से लड़ने के लिए एक दवा भी तैयार की है जिसको लेकर गुरुजी का दावा है कि अगर उस दवा का सेवन, कोरोना पीड़ित व्यक्ति नियम परहेज के साथ करता है तो वह 24 घंटे में ही पॉजीटिव से नेगेटिव हो सकता है।
इस दवा को गुरुजी अब तक हजारों पुलिसकर्मियों को पहुंचा चुके है जिसके सेवन के बाद बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी स्वस्थ भी हुए हैं। इसी के एवज में आपको दिल्ली पुलिस के पूर्व स्पेशल कमीश्नर क्राइम, श्री प्रवीर रंजन और डॉ. राकेश वर्मा जो कि वर्तमान में डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसस( एडश्निल) है, के द्वारा “प्रशस्ति सम्मान पुरस्कार” से भी नवाज़ा जा चुका है।
साथ ही गुरुजी, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस जे.एम. पांचाल जी एवं पूर्व एडिश्नल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज (दिल्ली) टी.एस.कश्यप जी और एडिश्नल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज (रेवाड़ी) अनिल कुमार बिमल जी द्वारा भी समाज के प्रति सराहनीय योगदान के लिए भी सम्मानित किये जा चुके हैं।
बहरहाल, अगर आप या आपका अपना कोई किसी भी गंभीर बिमारी से जूझ रहा है तो आप गुरुजी के मार्गदर्शन में अपना ईलाज करवाएं और बमुश्किलों से मिले इस मानव जीवन का एक स्वस्थ शरीर के साथ आनंद उठाएं।