अगर आप चाहते हैं कि बच्चे अनुशासन में रहे और उनका व्यवहार भी बेहतर हो तो पहले स्वयं आपको अपने आप को बदलना होगा। बच्चों के लिए माता-पिता ही रोल मॉडल होते हैं। इसलिए जो खराब आदतें आप बच्चों में नहीं चाहते। उन्हें अपने से भी दूर रखें। कई लोगा बात बात पर गुस्सा होते और चिल्लाते रहते हैं जिससे बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ता है।
आपको अपनी इस आदत को छोड़ने की जरूरत है। बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार न केवल आप दोनों के संबंध को अच्छा बनाएगा बल्कि बच्चे के विकास में भी सहायक होगा। आप जैसा व्यवहार उनका देखना चाहते हैं, वैसा ही उनके साथ करें।
बच्चों की शरारत, जिद, बात न मानना या फिर उनकी कोई गलती करना, गाहे-बगाहे आपको मौका दे ही देता है कि आप उन पर गुस्से से चिल्लाएं। बच्चों के साथ आपके इस व्यवहार का कारण हमेशा बच्चे ही हों ये जरूरी नहीं है। कई बार दफ्तर का तनाव, माता-पिता के आपसी रिश्तों में खटास, थकान से पैदा हुआ चिड़चिड़ापन या फिर खराब स्वास्थ्य ऐसे कारण बन जाते हैं, जिनका गुस्सा हम बच्चों पर उतार देते हैं लेकिन बच्चों पर चिल्लाने से आपके और आपके बच्चों के आपसी संबंध खराब हो सकते हैं। इसके साथ साथ आपकी इस आदत का बुरा असर बच्चों पर पड़ता है।
अगर आप कामकाजी हैं तो ऐसा लगभग रोज होता होगा कि आप अपने ऑफिस के लिए तैयार होते होते अपने बच्चों को भी स्कूल के लिए तैयार करती होंगी। ये बहुत मुश्किल काम है, खासतौर पर तब जब बच्चे छोटे हों। ऐसे में जब बच्चे आपके निर्देशों को मानकर ठीक से तैयार नहीं होते और साथ ही आप को देरी होने लगती है तो आप उनपर चिल्ला देती होंगी। इससे बचने का एक आसान तरीका ये है कि बच्चों के जागने से कुछ देर पहले उठें। अपनी तैयारी कर लें फिर बच्चों को तैयार होने में मदद करें। या फिर पहले बच्चों को तैयार करवा दें, उन्हें नाश्ता करने दें, और उस दौरान आप तैयार हो जाएं।
बच्चे आमतौर पर वही करते हैं, जो वो अपने माता-पिता से सीखते हैं। अगर वो आपसे चिल्लाने की आदत सीख कर, अपने से छोटे भाई या बहन को फिजूल में डांटें, उन पर बेबात चिल्लाए, तो बेशक आपको अच्छा नहीं लगेगा। जब आप उन पर छोटी-बड़ी बातों पर चिल्लाएंगे, उन्हें बुरी तरह से डाटेंगे तो वो आपसे यही सब सीख कर अपने से छोटों के साथ करेंगे। इस स्थिति से बचने के लिए अपने बच्चों के रोल मॉडल बनें।
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June 25, 2023