लाइफ स्टाइल – Madhavexpress https://madhavexpress.com Mon, 20 Jan 2025 10:06:59 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://madhavexpress.com/wp-content/uploads/2023/03/IMG-20221108-WA0038-removebg-preview-1.png लाइफ स्टाइल – Madhavexpress https://madhavexpress.com 32 32 औषधीय पौधा है आक  https://madhavexpress.com/?p=49350 https://madhavexpress.com/?p=49350#respond Mon, 20 Jan 2025 10:06:59 +0000 https://madhavexpress.com/?p=49350 रमेश सर्राफ धमोराकुछ पेड़-पौधे ऐसे हैं जिनसे हम कई चमत्कारिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इन पेड़ों-पौधों में आक का पौधा भी है। आक एक औषधीय पौधा है। इसको मदार, आक, अर्क और अकौआ भी कहते हैं। इसे जानवर भी नहीं खाते है। यह बंजर भूमि में भी आसानी से उग आता है। इसके फल से गर्म तासीर की कोमल चिकनी रूई निकलती है। इसमें विषाक्त दूध भरा होता है। इसका वृक्ष छोटा और छत्तादार होता है। पत्ते बरगद के पत्तों समान मोटे होते हैं। हरे सफेदी लिए पत्ते पकने पर पीले रंग के हो जाते हैं। इसका फूल सफेद और छोटा होता है। फूल पर रंगीन चित्तियां होती हैं। फल आम की तरह होते हैं, जिनमें रूई निकलती है। आक की शाखाओं में दूध निकलता है। वह दूध विष का काम देता है। आक गर्मी के दिनों में रेतीली भूमि पर होता है। चाैमासे में पानी बरसने पर सूख जाता है।

दुर्गम रेतीले टीलों में जहां मीलों दूर तक पेड़ की छांव नसीब नहीं होती है, उन जगहों पर आक का पौधा खूब फलता फूलता है। राजस्थान के थार मरूस्थल के अलावा आक का पौधा दक्षिण मध्य भारत के गर्म और शुष्क वातावरण में खुले और समतल मैदानों में पाया जाता है। आक के पत्ते मोटे और चिकने होते हैं तथा पत्तों के पृष्ठ भाग पर हल्का सफेद आवरण होता हैं जो कि हाथ से रगड़ने पर उतर जाता हैं। आक का पौधा प्राय हर मौसम मे हरा भरा रहने के कारण यह रेगिस्तान का सदाबहार पौधा कहलाता है।

आक चार प्रकार के होते हैं (1) श्वेतार्क अर्थात सफेद आक (2) रक्तार्क व लाल आक (3) लाल आक का ही दूसरा प्रकार है जो ऊंचाई में सबसे छोटा और सबसे विषैला होता है (4) पर्वतीय आक। पहाड़ी आक पौधे के रूप में नहीं, बेल के रूप में होता है जो उत्तर भारत में बहुत कम किन्तु महाराष्ट्र में पर्याप्त मात्रा में होता है। लाल जाति का आक सर्वत्र सुलभता से प्राप्य है। गुणों की दृष्टि से औषध के रूप में दोनों प्रकार के आकों का प्रयोग होता है। दोनों में कुछ समान गुण भी मिलते हैं किन्तु श्वेत अर्क में अधिक उत्तम गुण होने से आयुर्वेद में यह वनस्पति दिव्य औषधि मानी जाती है। लाल आक इसके समान तो नहीं किन्तु यह भी गुणों का भंडार है। जितना लाभ इस पौधे से वैद्यों और भारतीय चिकित्सकों ने तथा रसायनशास्त्रियों ने पहले उठाया था उतना किसी द्वितीय औषध से नहीं उठाया ।

आक भारत का एक प्रसिद्ध पौधा है जो आयुर्वेद के शास्त्रों में जानी मानी औषधि है। जिसे छोटे-छोटे वैद्य तथा ग्रामीण अनपढ लोग भी जानते हैं और औषध रूप में प्रयोग भी करते हैं । भारत में आक के पौधे सब स्थानों पर मिलते हैं पर ऊंचे पर्वतों पर ये नहीं मिलते। आक का पौधा चार फीट से लेकर पन्द्रह फीट तक की ऊंचाई में देखने को मिलता है। यह ऊंची शुष्क मरुभूमि में अधिक होता है। ऊसर भूमि में उत्पन्न होने के कारण अरबी में इसको ऊसर कहते हैं। आक के पौधे शुष्क, उसर और ऊंची भूमि में प्रायः सर्वत्र देखने को मिलते हैं। इस वनस्पति के विषय में साधारण समाज में यह भ्रान्ति फैली हुई है कि आक का पौधा विषैला होता है। यह मनुष्य को मार डालता है। इसमें किंचित सत्य जरूर है क्योंकि आयुर्वेद संहिताओं में भी इसकी गणना उपविषों में की गई है। यदि इसका सेवन अधिक मात्रा में कर लिया जाए तो, उल्टी दस्त होकर मनुष्य की मृत्यु हो सकती है। इसके विपरीत यदि आक का सेवन उचित मात्रा में, योग्य तरीके से चतुर वैद्य की निगरानी में किया जाये तो अनेक रोगों में इससे बड़ा उपकार होता है।

आक के पौधों का सबसे बड़ा फायदा है कि उनसे हमें ऑक्सीजन गैस प्राप्त होती है। इसके अलावा प्राकृतिक दृष्टिकोण से भी पेड़-पौधों का सर्वाधिक महत्व है। इनके बिना वातावरण को सन्तुलित किया ही नहीं जा सकता। हर परिस्थिति में हरियाली हमारे लिए फायदेमंद ही है। इन फायदों के साथ ही शास्त्रों के अनुसार कई धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी बताए गए हैं। ज्योतिष के अनुसार जिस घर के सामने या मुख्यद्वार के समीप आक का पौधा होता है उस घर पर कभी भी किसी नकारात्मक शक्ति का प्रभाव नहीं पड़ता है। इसके अलावा वहां रहने वाले लोगों को तांत्रिक बाधाएं कभी नहीं सताती। घर के आसपास सकारात्मक और पवित्र वातावरण बना रहता है जो कि हमें सुख-समृद्धि और धन प्रदान करता है। ऐसे लोगों पर महालक्ष्मी की विशेष कृपा रहती है और जहां-जहां से लोग कार्य करते हैं वहीं से इन्हें धन लाभ प्राप्त होता है।

आक का सूर्य से विशेष सम्बन्ध है। गर्मी में जब पृथ्वी सूर्य के निकट आ जाती है और सूर्य की भयंकर गर्मी से तपने और जलने लगती है, जोहड़, तालाब, बावड़ी सब का जल सूख जाता है। बड़ वृक्ष सूखने लगते हैं, तब यही पौधा है जो मरुभूमि में भी खूब फलता और फूलता है। यह आग्नेय प्रधान पौधा उस भयंकर उष्णकाल में खूब हरा भरा रहता है।

शास्त्रों अनुसार आक के फूल शिवलिंग पर चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। विद्वानों के अनुसार कुछ पुराने आकड़ों की जड़ में श्रीगणेश की प्रतिकृति निर्मित हो जाती है जो कि साधक को चमत्कारी लाभ प्रदान करती है। आक का हर अंग दवा है, हर भाग उपयोगी है। यह सूर्य के समान तीक्ष्ण तेजस्वी और पारे के समान उत्तम तथा दिव्य रसायनधर्मा है। कहीं-कहीं इसे वानस्पतिक पारद भी कहा गया है।

विषैला आक की जाति सबसे छोटी होती है अर्थात इसका जो पौधा ऊंचाई में सबसे छोटा होता है उसको विद्वान लोग सबसे विषैला मानते हैं। यह मरुभूमि में ही होता है। अधिक विषैले की पहचान यह है कि उस आक के पौधे का दूध निकालकर अपने नाखून पर उसकी दो-चार बूंदें टपकाएं। यदि दूध बहकर नीचे गिर जाए तो कम विष वाला है और यदि दूध वहीं अंगूठे के नाखून पर जम जाए तो अधिक विषैला है। अधिक विषैले दूध को सीधा खिलाने की औषधि में प्रयोग नहीं करना चाहिए, अन्य भस्म आदि औषध बनाने में इसका प्रयोग कर सकते हैं।

आक के फल देखने में अग्रभाग में तोते की चोंच के समान होते हैं। इसीलिए आक का एक नाम शुकफल है। ये फल ज्येष्ठ मास तक पक जाते हैं। इनके अंदर काले रंग के दाने वा बीज होते हैं और बहुत कोमल रूई से ये फल भरे रहते हैं। इसकी रूई भी विषैली होती है । फल का औषध में बहुत न्यून उपयोग होता है। क्षार बनाने वाले आक के पंचांग में फल को भी जलाकर औषध में उपयोग लेते हैं। चक्षु रोगों, कर्ण रोगों, जुकाम, खांसी, दमा, चर्मविकारों में, विष्मज्वर, वात और कफ के रोगों में इसके पुष्प, पत्ते, दूध, जड़ की छाल सभी का उपयोग होता है। इस पौधे के पत्ते को उल्टा कर के पैर के तलवे से सटा कर मोजा पहन लें। रात में सोते समय निकाल दें। एक सप्ताह में आपका शुगर सामान्य हो जाएगा। बाहर निकला पेट भी कम हो जाता है। काफी लोग इस उपयोग से लाभान्वित हो रहे हैं।

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बिहार सहित संपूर्ण भारत में संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति विस्तार से ब्राह्मणों को संगठित करेंगे / पंडित चतुर्वेदी https://madhavexpress.com/?p=47001 https://madhavexpress.com/?p=47001#respond Mon, 16 Dec 2024 10:51:02 +0000 https://madhavexpress.com/?p=47001

पटना ब्राह्मण महाकुंभ में पंडित चतुर्वेदी हुए सम्मानित

राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा द्वारा विद्यापति भवन पटना बिहार में आयोजित ब्राह्मण महाकुंभ एवं संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय बैठक में संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संरक्षक पंडित कृपा निधान तिवारी अयोध्या ,दरभंगा सांसद श्री गोपाल ठाकुर स्वास्थ्य मंत्री बिहार सरकार मंगल पांडे विधान परिषद सदस्य अशोक पांडे संत ऋषि भवेशा नंद महाराज आदि की उपस्थिति में देशभर से आए हुए ब्राह्मण संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि बिहार सहित संपूर्ण देश भर में संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति का तेजी से विस्तार कर ब्राह्मणों को एकजुट करेंगे संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति की राष्ट्रीय बैठक में पांच प्रमुख प्रस्ताव सर्वानुमति से पारित किए गए

जिसमें योग्यता आधारित पदों पर आरक्षण समाप्त हो, आरक्षण का आधार आर्थिक रखा जाए, तथा परशुराम जयंती का राष्ट्रीय अवकाश हो, समान नागरिक संहिता लागू हो, भगवान परशुराम का मंदिर राम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य रूप से बनाया जाए तथा समान नागरिक संहिता लागू हो और सवर्ण आयोग का गठन किया जाए

उपरोक्त मांगों को लेकर देश भर में संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति के माध्यम से जन जागरण कर ब्राह्मणों को संगठित किया जाएगा बैठक में  उपेंद्रनाथ त्रिपाठी वाराणसी राम तेज पांडे अयोध्या राधेश्याम शर्मा महेंद्र कुमार कौशिक नई दिल्ली, जय भगवान शर्मा, मुख्तार सिंह कौशिक हरियाणा ,सुखबीर सिंह गौतम उत्तराखंड ,सुरेश मूले महाराष्ट्र ,श्रीमती मंजू शुक्ला गोरखपुर उत्तर प्रदेश नानक चंद शर्मा हापुड़ उ. प्र. रघुनंदन पांडे, अर्जुन पांडे झारखंड संध्या दुबे सागर ,मध्य प्रदेश नीलम झा लखनऊ, सहित बड़ी संख्या में देश भर के कई राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए

राष्ट्रीय बैठक में गोरखपुर उ.प्र. की महिला नेत्री श्रीमती मंजू शुक्ला को महिला इकाई का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया गया बैठक का संचालन संयुक्त ब्राह्मण संगठन समिति के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उपेंद्रनाथ त्रिपाठी वाराणसी ने किया तथा आभार बैठक के संयोजक राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा बिहार के अध्यक्ष इंजीनियर आशुतोष कुमार झा ने माना उज्जैन से पं .चंद्रशेखर शर्मा, ईश्वरअग्निहोत्री ,सत्यनारायण शर्मा ,बी एस तंवर, प्रमुख रूप से शामिल हुए

 

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पटना बिहार में ब्राह्मण महाकुंभ का  पंडित चतुर्वेदी के साथ ब्राह्मण समाज का दल हुआ पटना बिहार हेतु रवाना  https://madhavexpress.com/?p=46793 https://madhavexpress.com/?p=46793#respond Fri, 13 Dec 2024 10:51:02 +0000 https://madhavexpress.com/?p=46793 पटना बिहार में ब्राह्मण महाकुंभ का  पंडित चतुर्वेदी के साथ ब्राह्मण समाज का दल हुआ रवाना

उज्जैन का ब्राह्मण महाकुंभ ब्राह्मणों की एकता का मॉडल बना  पं. चतुर्वेदी

UJJAIN/अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज एवं संयुक्त ब्राह्मण संगठन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी ने एक वक्तव्य में कहा कि अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज द्वारा उज्जैन में सन 2017-018 में उज्जैन में पहले 2 लाख ब्राह्मणों का महाकुंभ कर देश में ब्राह्मणों की एकता का बिगुल फुंका था उसी से प्रेरणा लेकर आज संपूर्ण देश भर में ब्राह्मणों की एकता के लिए जगह-जगह प्रत्येक प्रातों में ब्राह्मण एकता के लिए ब्राह्मण महाकुंभ आयोजित किये जा रहे हैं उज्जैन का आयोजित ब्राह्मण महाकुंभ ब्राह्मणों की एकता के लिए देश का मॉडल बन गया है आगामी 15 दिसंबर 024 को बिहार की क्रांतिकारी भूमि पटना में ब्राह्मण महासभा बिहार द्वारा पंडित आशुतोष झा के नेतृत्व में विद्यापति भवन पटना में संपूर्ण बिहार प्रांत का विशाल ब्राह्मण महाकुंभ आयोजित किया जा रहा है

साथ ही संपूर्ण देश पर से संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय पदाधिकारी पहुंचकर संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी भाग लेंगे इस हेतु उज्जैन सहित संपूर्ण मध्य प्रदेश से पंडित चतुर्वेदी के साथ ब्राह्मण संस्थाओं के पदाधिकारी सर्व श्री चंद्रशेखर शर्मा, विवेक जोशी ,कमल तिवारी, ईश्वर दयाल अग्निहोत्री , सत्यनारायण शर्मा ,बी एस तंवर , संध्या दुबे, प्रफुल्ल दुबे, एस के दुबे , आशुतोष शर्मा सहित कई पदाधिकारी आज पटना बिहार के लिए रवाना हुए

अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज राष्ट्रीय महामंत्री पंडित तरुण उपाध्याय ने बताया कि देशभर की ब्राह्मण संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति के भिन्न-भिन्न प्रांतों के पदाधिकारी संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति के बैनर तले एकत्रित होकर ब्राह्मणों की एकता पर विचार मंथन करेंगे पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी के नेतृत्व में उज्जैन और मध्य प्रदेश से ब्राह्मण समाज पदाधिकारी का दल आज उज्जैन से पटना के लिए रवाना हुआ ब्राह्मण समाज कार्यालय पर सभी पदाधिकारी का स्वागत अभिनंदन कर रवाना किया गया

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धनतेरस 29 को, संध्या काल में होगी धन के देवता कुबेर की पूजा https://madhavexpress.com/?p=44479 https://madhavexpress.com/?p=44479#respond Mon, 28 Oct 2024 06:12:37 +0000 https://madhavexpress.com/?p=44479 कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा। इसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। 29 अक्टूबर को बुध के गोचर से धनतेरस पर लक्ष्मी नारायण योग बनेगा, जिसे बहुत ही शुभ माना जा रहा है। मंगलवार को सुबह से देर रात तक खरीदारी का मुहूर्त है।

इस दिन सोना, चांदी, वाहन, जमीन, घर इलेक्ट्रॉनिक्स आदि खरीदना सुख और समृद्धि का कारक माना गया है। पंडित मनोज पांडेय ने सोमवार को बताया कि अथर्ववेद में बताया गया है कि धन्वन्तरि भगवान विष्णु के तेरहवें अवतार हैं।

ऋषिकेश पंचांग के अनुसार धनतेरस के दिन अभिजीत मुहूर्त दिन के 11.42 बजे से 12.27 बजे तक है। विजय मुहूर्त दोपहर 1.56 से 2.41 तक है। कुंभ लग्न दोपहर 1.29 बजे से 3 बजे तक है। वहीं, वृष लग्न शाम 6.07 बजे से 8.04 बजे तक है। दोपहर से प्रदोष काल 12.36 बजे से शाम 5.33 बजे तक में वाहन जैसे चलायमान सामग्री लेने का शुभ मुहूर्त है।

उन्होंने ने बताया कि संध्या काल में धन के देवता कुबेर की पूजा होगी।

धनतेरस के दिन ऐश्वर्य में वृद्धि की कामना से भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की विधिवत पूजा की जाएगी। यह पूजा संध्या काल स्थिर वृष लग्न में 6.19 से रात 8.15 बजे के बीच की जाएगी।

राशि के अनुसार करें खरीदारी

मेष- सोने और पीतल के बर्तन के साथ मिट्टी का दीपक और लड्डू लेना शुभ है। वस्तुएं खरीदना शुभ।

वृषभ -चांदी, हीरा और बर्तन खरीदना चाहिए।

वृश्चिक राशि- आभूषण, मिट्टी- तांबे के बर्तन, लोहे की बनी वस्तुएं खरीदना शुभ।

मिथुन – आभूषण, प्रॉपर्टी, फर्नीचर का सामान खरीदना चाहिए।

धनु – झाड़ू, चांदी, पीतल से निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदनी चाहिए।

कर्क- चांदी का सामान और सफेद वस्तु खरीदना चाहिए।

मकर -चांदी के सिक्के , झाडू, बर्तन और गोमती चक्र खरीदना चाहिए।

सिंह – जमीन, फ्लैट, सोना-चांदी, इलेक्ट्रॉनिक सामग्री खरीदना शुभ रहेगा।

कुंभ – धनतेरस में चांदी और स्टील से निर्मित बर्तन लेने चहिए।

कन्याः कांसे से निर्मित ‘बर्तन, हाथी-दांत से बनी वस्तुएं आदि।

तुला- श्रृंगार और साज सज्जा की

वस्तुएं खरीदना शुभ।

मीन -धनतेरस चांदी के बर्तन और सिक्के, तांबे के बर्तन और झाडू लेना चहिए।

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मोटोरोला ने मोटो g24 पावर को एक अत्यधिक प्रीमियम डिज़ाइन, एक विशाल 6000mAh की बैटरी और नवीनतम Android™ 14 के साथ केवल 8,249* रुपये की एक प्रभावी कीमत पर लॉन्च किया https://madhavexpress.com/?p=32260 https://madhavexpress.com/?p=32260#respond Tue, 30 Jan 2024 14:04:56 +0000 https://madhavexpress.com/?p=32260  

  • मोटो g24 पावर एक शानदार और प्रीमियम डिज़ाइनटर्बोपावर™ 33W चार्जर और 6000 mAh की एक विशाल बैटरी के साथ आता हैजिसकी शुरुआती कीमत मात्र 8,249* है।
  • मोटो g24 पावर 3D ऐक्रेलिक ग्लास (PMMA) फिनिश में अपने शानदार लुक से प्रभावित करता हैजो दो मोहक रंगों: इंक ब्लू और ग्लेशियर ब्लू में उपलब्ध है।
  • मोटो g24 पावर उद्योग के नवीनतम एंड्रॉइड™ 14 से सुसज्जित हैजो डिवाइस को अधिक व्यक्तिगतसंरक्षित और सुलभ बनाता है।
  • मोटो g24 पावर में एक उन्नत 50 MP क्वाड पिक्सेल कैमरा सिस्टम दिया गया है, जो सेगमेंट के अग्रणी 16 MP सेल्फी कैमरे के साथ आता है।
  • मोटो g24 पावर अन्य शीर्ष सुविधाओं के साथ आता है, जैसे कि 90 Hz हर्ट्ज रिफ्रेश रेट के साथ एक इमर्सिव 6.6” पंच-होल डिस्प्लेडॉल्बी एटमॉस® स्टीरियो स्पीकर, IP52 वॉटर रेपेलेंट डिज़ाइन और अन्य बहुत कुछ।
  • डिवाइस दो मेमोरी वेरिएंट मिलेगाअर्थात् 4GB + 128GB और 8GB + 128GB, जो क्रमशः 8,999 रुपये और 9,999 रुपये में उपलब्ध होगा।
  • लॉन्च ऑफर के हिस्से के रूप में उपभोक्ता को एक्सचेंज पर 750 रुपये की अतिरिक्त छूट भी मिलेगी, जिससे डिवाइस की प्रभावी कीमत क्रमशः 8,249 रुपये और 9,249 रुपये हो जाएगी।

मोटो g24 पावर की बिक्री फरवरी 2024 को दोपहर 12 बजे से फ्लिपकार्ट, motorola.in और भारत भर के प्रमुख रिटेल स्टोर्स पर शुरू होगी।

 

 

30 जनवरी 2024 – मोटोरोला ने आज जी सीरीज फ्रेंचाइजी में अपने नवीनतम एंट्री-लेवल स्मार्टफोन, मोटो g24 पावर को लॉन्च किया। यह अपने सेगमेंट का एक अग्रणी किफायती स्मार्टफोन है जिसमें प्रीमियम डिज़ाइनएक विशाल 6000mAh बैटरी और TurboPower™ 33W चार्जर दिया गया है। यह डिवाइस एक असाधारण और स्थायी स्मार्टफोन अनुभव सुनिश्चित करता है, जो इसे जी सीरीज़ फ्रैंचाइज़ के लिए एक एक उत्कृष्ट योगदान बनाता है। मोटो g24 पावर का लुक बेहद खूबसूरत है, इसमें 3डी ऐक्रेलिक ग्लास (पीएमएमए) फिनिश है, साथ ही यह 6000mAh बैटरी के साथ सेगमेंट में सबसे पतले और सबसे हल्का डिवाइसों में से एक है। यह नवीनतम Android™ 14 के साथ आता है और एक उन्नत 50MP क्वाड पिक्सेल कैमरा सिस्टम को प्रदर्शित करता है, साथ ही इसमें सेगमेंट का अग्रणी 16MP सेल्फी कैमरा भी दिया गया है जो विभिन्न प्रकार की प्रकाश परिस्थितियों में असाधारण फोटो को कैप्चर करता है।

 

मोटो g24 पावर का प्रीमियम डिज़ाइन, जिसमें स्लीमलाइन्ड कैमरा हाउसिंग शामिल है, डिवाइस के समग्र सौंदर्य को बढ़ाता है और उपयोगकर्ताओं को एक दृश्यतात्मक भव्य स्मार्टफोन प्रदान करता है जो पकड़ने में सुविधाजनक है। इसका पतला लेकिन मजबूत डिज़ाइन साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट रीडर के साथ आता है, जो आसान और सुरक्षित डिवाइस अनलॉकिंग को सक्षम बनाता है। केवल 8.99 मिमी मोटाई और 197 ग्राम वजन वाला यह पतला स्मार्टफोन वॉटर रेपेलेंट डिजाइन और आईपी 52 रेटिंग के साथ आता है, और दो आश्चर्यजनक और सुरुचिपूर्ण रंगों- इंक ब्लू और ग्लेशियर ब्लू में उपलब्ध है।

 

मोटो g24 पावर एक विशाल 6000mAh की बैटरी के साथ उपयोगकर्ताओं को अपने पसंदीदा कंटेंट का आनंद लेने, गेम खेलने और लंबी अवधि तक वीडियो कॉल करने में सक्षम बनाता है। TurboPower™ 33चार्जर की मदद से, डिवाइस जल्दी से चार्ज हो जाता है और उपयोगकर्ताओं को दीर्घकालिक  मनोरंजन अनुभव प्रदान करता है, जो एक बार चार्ज करने पर लगभग पूरे हफ्ते तक चलता है।

 

इसके अलावा, मोटो g24 पावर नवीनतम Android™ 14 के साथ आता है, जिसमें 3 साल की सुनिश्चित सुरक्षा अपडेट्स शामिल हैं। यह फ्लैश नोटिफिकेशन जैसे विभिन्न स्टैंड-आउट अनुभवों के साथ आता है, जो इनकमिंग कॉल के लिए फ्लैश और स्क्रीन लाइट चालू करके उपयोगकर्ताओं को सचेत करता है, ताकि वे किसी भी नोटिफिकेशन से न चूकें। हेल्थ कनेक्ट सुविधा उपयोगकर्ताओं को प्राइवेसी कण्ट्रोल के साथ अपने स्वास्थ्य डेटा को एक ही स्थान पर प्रबंधित करने में सक्षम बनाता है। उल्लेखनीय विशेषताओं में सुधारित मैग्निफिकेशन, डेटा साझा करने की अपडेट्स, और बढ़ाई गई पिन सुरक्षा भी शामिल हैं।

 

मोटो g24 पावर एक उन्नत 50 MP क्वाड पिक्सेल कैमरा सिस्टम को सपोर्ट करता है। इस क्वाड पिक्सेल तकनीक के साथ, उपयोगकर्ताओं को दिन या रात में अधिक स्पष्ट, अधिक जीवंत तस्वीरों के लिए 4 गुना बेहतर, लो लाइट सेंस्टिविटी मिलती है। साथ ही, समर्पित मैक्रो विज़न कैमरा उपयोगकर्ताओं को उनके सब्जेक्ट के 4 सेमी नजदीक तक ले लाता है, ताकि वे एक स्टैण्डर्ड लेंस के साथ छोटी डिटेल्स को कैप्चर कर सकें। सामने की तरफ, स्मार्टफोन में सेगमेंट का अग्रणी 16MP कैमरा है, जो तुरंत ही शानदार सेल्फी खींच सकता है। इसके अलावा, कैमरा सिस्टम में ऑटो नाइट विजनएचडीआर और पोर्ट्रेट मोड जैसे विभिन्न सुविधा और सॉफ्टवेयर भी शामिल हैं 

 

मोटो g24 पावर अपने नॉचलेस 6.6″ 90 Hz IPS LCD डिस्प्ले के कारण मोटो g24 पावर अद्वितीय मनोरंजन प्रदान करता है, जिसकी उच्चतम चमक 537 NITS है। इसके अतिरिक्त, एक उच्च 90 Hz का रिफ्रेश रेट के साथ, एप्लिकेशन्स के बीच स्विच करना और वेबसाइट्स को स्क्रोल करना सुगम और आसान बन जाता है। ऑटो मोड के साथ, स्क्रीन रिफ्रेश रेट को लचीले ढंग से 90 Hz और 60 Hz के बीच स्विच हो जाती है, जिससे स्मार्टफोन की समग्र बैटरी क्षमता बेहतर होती है। इस जबरदस्त देखने के अनुभव को डॉल्बी एटमॉस® युक्त स्टीरियो स्पीकर द्वारा और बढ़ाया जाता है जो बेहतर बेस और साफ आवाज़ के साथ उच्च गुणवत्ता वाला ऑडियो प्रदान करता है जो उच्च वॉल्यूम पर भी अधिक ऑडियो स्पष्टता प्रदान करता है।

लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए, भारत के मोबाइल बिजनेस ग्रुप के प्रबंध निदेशकश्री टी.एम. नरसिम्हन ने कहा, “हमें अपनी जी सीरीज फ्रेंचाइजी – मोटो g24 पावर में नवीनतम जुड़ाव की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। अपने जी सीरीज स्मार्टफोन के माध्यम सेहम भारतीय मोबाइल फोन उपभोक्ताओं की बढ़ती मांगों को पूरा करते हुए किफायती मूल्य पर उन्नत सुविधाएं प्रदान करके स्मार्टफोन अनुभव को लोकतांत्रिक बनाते हैं। यह स्मार्टफोन प्रीमियम डिज़ाइन और विशाल बैटरी के साथ अन्य अग्रणी विशेषताओं के साथ आता है जो उपयोगकर्ताओं को अधिक सुलभ मूल्य बिंदुओं पर परिष्कार और कार्यक्षमता का अनुभव करने की सुविधा प्रदान करते हैं। यह उन उपभोक्ताओं के लिए आदर्श है जो हमेशा यात्रा करते रहते हैं।”

 

इसके अलावा, मोटो g24 पावर उपयोगकर्ताओं को दो RAM वेरिएंट के माध्यम से बेहतर परफॉरमेंस प्रदान करता है, यानी इन-बिल्ट 4 GB या 8 GB LPDDR4X RAM, जिसे RAM बूस्ट फीचर के साथ 16 GB तक बढ़ाया जा सकता है। यह उपयोगकर्ताओं को 128GB तक के बिल्ट-इन स्टोरेज के साथ फोटो, फिल्म, गाने, ऐप्स और गेम के लिए पर्याप्त जगह प्रदान करता है। उपयोगकर्ता एक विशेष microSD कार्ड स्लॉट का उपयोग करके 1TB तक के विस्तारित स्टोरेज का भी लाभ उठा सकते हैं।

उपलब्धता:

मोटो g24 पावर दो खूबसूरत रंगों में उपलब्ध होगा: इंक ब्लू और ग्लेशियर ब्लू, जिनमें 3D एक्रिलिक ग्लास (PMMA) फिनिश शामिल है।

मोटो g24 पावर दो मेमोरी वेरिएंट्स में उपलब्ध होगा, जिसमें इन-बिल्ट 4GB RAM और 8GB RAM + 128GB स्टोरेज शामिल है; और 7 फरवरी 2024 से, दोपहर 12 बजे के बाद, फ्लिपकार्ट, motorola.in और प्रमुख रिटेल स्टोर्स पर बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।

 

लॉन्च कीमत:

4GB RAM + 128GB स्टोरेज: 8,999 रुपये

8GB RAM + 128GB स्टोरेज: 9,999 रुपये

सामर्थ्य प्रस्ताव:

एक्सचेंज पर अतिरिक्त 750 रुपये।

ऑफर के साथ प्रभावी कीमत:

4GB + 128GB8,249 रुपये

8GB + 128GB: 9,249 रुपये

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ऑपरेटर ऑफर:

रिलायंस जियो की ओर से कुल 4,500 रुपये के लाभ (399 रुपये के प्री-पेड प्लान पर लागू)

– 2000 रुपये का कैशबैक

– 2500 रुपये के पार्टनर कूपन

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बच्चे के अंक कम आये तो बढ़ायें हौंसला https://madhavexpress.com/?p=27545 https://madhavexpress.com/?p=27545#respond Sun, 25 Jun 2023 08:25:00 +0000 https://madhavexpress.com/?p=27545 प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हर कोई आगे निकलना चाहता है और ऐसे में बच्चों पर परिक्षाओं में ज्यादा से ज्यादा अंक लाने का दबाव रहता है। दसवीं में अधिक अंक से जहां मनचाहा विषय मिलता है वहीं 12 वें बेहतर अंकों से ही अच्छे कॉलेजों में दाखिला मिलता है। वहीं कम अंक आने पर कई प्रकार की परेशानियां होती हैं। ऐसे में बच्चों पर अधिक अंक लाने के लिए भारी मनोवैज्ञानिक दबाव रहता है।
इन हालातों में अगर बच्चों का रिजल्ट अच्छा रहा है तो ठीक है पर अगर किसी कारणवश बच्चों के नंबर कम आए हैं या फिर वह असफल हुए हैं तो भी निराश न हों और ऐसे में अभिभावकों की भी विशेष जिम्मेदारी रहती है। उन वैसे स्टूडेंट्स तनाव की स्थिति में जा सकते हैं। इन सबको देखते हुए अभिभावकों को अपने बच्चों की खास देखभाल करने के साथ ही उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत होती है।
बच्चे से बात करें
कम नंबर आने पर बच्चे जितना अपने रिजल्ट से खुद दुखी नहीं होते, उससे कहीं ज्यादा इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि वे अपने अभिभावकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे क्योंकि माता-पिता पर उनके भविष्य को लेकर जो दबाव रहता है उससे बच्चों को भी तनाव हो जाता है। मनोचिकित्सकों के अनुसार का कहना है कि अभिभावक अपनी महत्वाकांक्षाएं बच्चों पर न लादें और बच्चों से बात करें। बात करने से बच्चों का तनाव कम होता है और फिर उनमें एक नई उर्जा आती है कि यह परिणाम उनकी जिंदगी का फैसला नहीं कर सकता। उसे समझाऐं कि आगे बढ़ने के लिए भविष्य में ऐसे कई अवसर मिलेंगे बस अपनी गलतियों को ठीक कर मेहनत करें।
बच्चों को न डांटें
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार उम्मीद के अनुसार रिजल्ट न आने के बाद बच्चों के अंदर एक डर बैठ जाता है। धीरे-धीरे वह खुद हीन भावना का शिकार हो जाते हैं। 90 प्रतिशत मामलों में बच्चों की समस्या बात करने से दूर हो जाती है। अभिभावकों के प्यार भरे दो शब्द बच्चे को अवसाद से निकाल सकते हैं। बच्चे का परिणाम अगर खराब भी हुआ है तो भी उसे बहुत ज्यादा न डांटें और किसी भी तरह की टिप्पणी से बचें। इसकी जगह उसे बेहतर करने प्रेरित करें।
तुलना कभी न करें
अपने बच्चे के रिजल्ट की तुलना अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के उन बच्चों से बिलकुल न करें जिन्होंने आपके बच्चे से बेहतर प्रदर्शन किया है। हर बच्चा अपने आप में यूनीक होता है और हर बच्चे की प्रतिभा और दिमाग दूसरे बच्चे से अलग होता है। सबसे अहम बात दूसरों के सामने बच्चे के रिजल्ट की आलोचना बिलकुल न करें। इससे बच्चे के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है और वह हीन भावना कर शिकार हो जाता है।
ताना न दें
अगर आपके बच्चे का परिणाम आपकी या बच्चे की उम्मीदों के मुताबिक नहीं है तब भी बच्चे को बेवजह का उपदेश न दें कि मैंने तो तुम्हें पहले ही कहा था, तुम्हें और मेहनत करनी चाहिए थी। इस तरह की बातों से बचें। इस तरह की बातों से बच्चे की निराशा और तनाव में बढ़ोतरी होती है। इस वक्त बच्चे की पिछली गलतियों का जिक्र कर उसे असफल ठहराने की बजाए, बच्चा भविष्य में बेहतर कैसे कर सकता है, यह सोचने की जरूरत है।
बच्चों का ध्यान रखें
परिणाम आने के बाद अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों पर नजर रखें। तनाव दूर करने के लिए वह बच्चे के साथ गेम्स या मूवी भी देख सकते हैं। रिजल्ट जारी होने के बाद बच्चे के व्यवहार में होने वाले परिवर्तन पर गौर करें। बच्चे से आराम से बात करें। अभिभावकों की उपेक्षा का बच्चों पर बुरा असर पड़ सकता है और वह गलत कदम उठा सकते हैं। लिहाजा जहां तक संभव हो बच्चे को प्रोत्साहित करने की कोशिश करें।
अवसाद के लक्षणों को समझें
अगर आप सबकुछ कर चुके हैं लेकिन फिर भी लगता है कि आपका बच्चा समाज के साथ जुड़ नहीं पा रहा है, जो चीजें उसे पसंद थीं अब नहीं हैं या वह अपने दोस्तों से भी नहीं मिल रहा है। तो इस बात को गंभीरता से ले क्योंकि यह अवसाद है और ऐसे में किसी मनोचिकित्सक से काउंसलिंग करायें और घर का माहौल बेहतर रखें।

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बच्चों से बहानेबाजी न करें https://madhavexpress.com/?p=27542 https://madhavexpress.com/?p=27542#respond Sun, 25 Jun 2023 08:23:34 +0000 https://madhavexpress.com/?p=27542 अभिभावक समझते हैं कि छोटे बच्चे कुछ नहीं समझते जो सही नहीं है। बच्चों को कई बार लोग झूठ बोलकर बहला देते हैं पर अगर आप ये समझते हैं कि बच्चे आपकी बातों में आ गए हैं, तो यह आपकी भूल है। एक शोध के अनुसार ढाई साल या इससे ज्यादा उम्र के बच्चे दूसरों की झूठी बातों को समझ सकते हैं। वे लोगों के झूठ बोलने, धोखेबाजी और बहानेबाजी को आसानी से पहचान लेते हैं। इस शोध में 140 से ज्यादा बच्चों को शामिल किया गया, जिनकी उम्र ढाई साल के करीब थी।
शोधकर्ता इस गलत धारणा को हटाना चाहते थे कि क्या वास्तव में ढाई साल के बच्चों को माता-पिता के झूठ का अंदाजा नहीं लगता। शोधकर्ताओं ने संदेह जताया कि बच्चों को इसे समझने के लिए ज्यादा विकसित होना चाहिए हालांकि शोध के दौरान बच्चे शोधकर्ताओं की उम्मीदों से कहीं ज्यादा आगे निकले। निष्कर्षों से पता चलता है कि करीब ढाई साल की उम्र के बच्चों से माता-पिता जब झूठ बोलते हैं, तो वे पहचान जाते हैं। युवा बच्चों के अभिभावकों और छोटे बच्चों के शिक्षकों को इस बारे में जागरूक रखना चाहिए क्योंकि बच्चे वैसा ही करेंगे जैसा बड़े लोग उन्हें बतायेंगे। इस प्रकार उनको अगर आप झूठ बोलने की आदत से बचाना चाहते हैं तो हमेशा सच बोलें। बच्चों के समक्ष कभी भी ऐसा व्यवहार नहीं करें जिससे वह गलत दिशा में जायें।

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मोबाइल और कंप्यूटर के अधिक इस्तेमाल से बच्चों की रीढ़ की हड्डी को हो रहा नुकसान https://madhavexpress.com/?p=27536 https://madhavexpress.com/?p=27536#respond Sun, 25 Jun 2023 08:21:25 +0000 https://madhavexpress.com/?p=27536 आजकल बच्चे और किशोर जिस प्रकार मोबाइल और कम्प्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं। वह आने वाले समय में इनके लिए घातक हो सकता है। अध्यनकर्ताओं के अनुसार तकनीकी गैजेट्स का लंबे समय तक इस्तेमाल घातक हो सकता है। बच्चे और किशोर मोबाइल और कंप्यूटर पर गेम खेलते समय काफी देर तक एक ही जगह पर बैठे रहते हैं। इससे रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है। एक ही मुद्रा में बैठकर काम करने से रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में अभिभावकों को देखना चाहिये की बच्चों तय समय से ज्यादा गैजेट्स का इस्तेमाल न करें। अभिभावक इस मामले में बच्चों और किशोरों को बताये कि यह उनकी सेहत के लिए नुकसानदेह है। उन्हें समझाएं कि जीवनशैली में बदलाव व्यायाम और खानपान सही रख कर ही रीढ़ की हड्डी को होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।
डॉक्टरों के अनुसार रीढ़ की हड्डी की बिमारी रिपिटिटिव स्ट्रेस इन्जरी (आरएसआई) को बार-बार एक ही प्रकार की गतिशीलता और ओवर यूज की वजह से मांसपेशियों, टेंडंस और नव्र्स में दर्द के रूप में परिभाषित किया जाता है। इस स्थिति को ओवरयूज सिंड्रोम, वर्क रिलेटेड अपर लिंब डिसॉर्डर या नॉन-स्पेसिफिक अपर लिंब के रूप में भी जाना जाता है.
उन्होंने कहा कि स्क्रीन का इतना लंबा और अनावश्यक एक्सपोजर स्पाइन पर बेकार का तनाव डालता है और इससे लिगामेंट में स्प्रेन का खतरा बढ़ जाता है जो वर्टिब्रा को बांधकर रखता है, ऐसे में मांसपेशियों में कड़ापन आने लगता है और डिस्क में समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है।
इंसान की रीढ़ को मूवमेंट के सपोर्ट के लिए डिजाइन की गई है और अगर यह इस्तेमाल में रहती हैं तो स्वस्थ्य बनी रहती है। आज के युवाओं को समस्या इसलिए हो रही है, क्योंकि वे निष्क्रिय जीवनशैली जी रहे हैं, जिसमें गैजेट पर निर्भरता काफी ज्यादा बढ़ गई है। अधिकतर युवाओं में देखी जा रही आम समस्या है सर्विकल स्पाइन और पीठ की, जैसे कि स्लिप डिस्क, रिपिटिटिव स्ट्रेस इन्जरी, सोर बैक और लिमामेंट की चोट।
इस मामले में सबसे जरूरी है समय पर समस्या की पहचान, जिससे मेडिकल और सर्जिकल इंटर्वेशन की जरूरत कम पड़ती है और समस्या का समाधान जीवनशैली में बदलाव लागू किया जा सकता है। इसके तहत अच्छा पोषण, हल्का व्यायाम और नियमित अंतराल में थोड़ी-थोड़ी देर तक टहलकर सिटिंग टाइम को कम करके दिक्कतों को दूर किया जा सकता है।

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इस प्रकार होगा बच्चों का सही विकास https://madhavexpress.com/?p=27291 https://madhavexpress.com/?p=27291#respond Sat, 17 Jun 2023 09:32:41 +0000 https://madhavexpress.com/?p=27291 बच्चे के आहार में सभी पौष्टिक आहार शामिल करने चाहिए, ताकि बच्चे का सही तरह से विकास हो सके। बच्चे की डाइट में शामिल पौष्टिक आहार से बच्चा मोटा व स्वस्थ बनता है। अपने बच्चे को दिन में तीन बार खाना देने की अपेक्षा थोड़ी-थोड़ी देर में खाने के लिए कुछ न कुछ देते रहना चाहिए। इसके साथ ही बच्चे के आहार में सभी मिनिरल्स और विटामिन को भी शामिल करना चाहिए, इससे बच्चा सेहतमंद होने के साथ ही दिमागी तौर से भी स्वस्थ बनता है।
नाश्ता जरुर दें
बच्चे के द्वारा नाश्ते में हर रोज स्वस्थ खाद्य पदार्थ लेने से भूख में बढ़ोतरी होती है। रात को लंबे समय तक भूखा रहने के बाद संतुलित नाश्ता से बच्चे की मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया में सुधार होता है और बच्चे को पूरे दिन कार्य करने के लिए उर्जा मिलती है।
खाने से आधा घंटे पहले पानी पिलाना
बच्चे को खाना खाने से करीब आधा घंटा पहले पानी पिलाएं। इससे बच्चे को खाना खाते समय पानी की ज्यादा प्यास नहीं लगेगी। बच्चे के सुबह उठने पर आप उसको दूध या नाश्ता देने से पहले पानी पिलाएं। खाने से आधा घंटे पहले पानी पीने से बच्चे की पाचन क्रिया ठीक बनी रहती है। इससे बच्चा जो भी भोजन खाता है, वह सही तरह से उसके शरीर को पोषण प्रदान करता है।
हर दो घंटे में खाना खिलाएं
बच्चे को दिन में तीन बार खाना खिलाने की बजाय उसको थोड़े-थोड़े समय में खाना खिलाती रहें। इस आदत के चलते थोड़ा-थोड़ा खाना पचाना बच्चों के लिए आसान हो जाता है और साथ ही उनका वजन भी सही मात्रा में बढ़ता है।
एक बार में ज्यादा खाने से बच्चे को पचाने में मुश्किल होती है। इससे अलावा अधिक खाने की वजह से बच्चे को पेट संबंधी अन्य बीमारियां होने की भी संभावनाएं बढ़ जाती है।
दूध व दही जरुर दें
दूध प्राकृतिक रूप से प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का मुख्य स्त्रोत होता है। इसमें कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। बच्चे को मोटा करने के लिए आप उसको दिन में कम से कम दो ग्लास दूध जरूर दें। इसके लिए आप दूध को किसी भी रूप में दे सकते हैं, जैसे मिल्क शेक, सेरियल्स और स्मूदी आदि। इसके साथ ही आप बच्चे को दही भी दे सकते हैं। दही से बच्चे को शरीर के लिए स्वस्थ्य बैक्टीरिया प्राप्त होते हैं। दही में कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, इससे बच्चे की भूख में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा भोजन में दही को शामिल करने से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती होती है।
कई बार बच्चा टीवी देखने के लिए जल्दी से खाना खत्म करने की कोशिश करता है। अगर घर के सभी लोग एक जगह बैठकर खाना खाते हैं, तो इससे बच्चा भी ठीक मात्रा में खाना खाता है। एक साथ बैठकर खाना खाने से बच्चा घर के अन्य सदस्यो को देखकर खाना खाने में रुचि लेता है और भरपेट भोजन करता है। इसके अलावा वह घर के अन्य बड़ों से कई अच्छी आदतें भी सीख पाता है।
पौष्टिक आहार के साथ ही कुछ आदतें ऐसी होती है, जिनका सीधा असर बच्चे की सेहत पर पड़ता है। बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए पूरी नींद लेना काफी जरूरी होता है, नींद लेना बच्चे के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। बच्चे को कम से कम 10 घंटों की नींद लेनी चाहिए। इससे बच्चे का शरीर कई तरह के संक्रमण और बीमारियों से लड़ने के लिए सक्षम होता है। साथ ही इससे बच्चे की मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया भी सही होती है।
ओट्स भी दें
बच्चे को मोटा करने के उपाय में ओट्स को भी शामिल किया जाता है। ओट्स में सैचुरेटड फैट व कोलेस्ट्रोल कम होता है, जबकि मैंगनीज, मैग्नीशियम, विटामिन बी1 व फास्फोरस उच्च मात्रा में होता है। इसके साथ ही इसमें प्रोटीन भी पाया जाता है।
बच्चों का वजन बढ़ान के लिए आप उसके खाने में केला दे सकती हैं। केले में उच्च मात्रा में फाइबर, पोटेशियम, विटामिन सी और विटामिन बी6 मौजूद होता है। इससे बच्चे की उर्जा जरुरतें भी पूरी होती हैं।
बच्चों के वजन को बढ़ाने और उनको मोटा करने के लिए मक्खन दिया जाता है। बच्चे को मक्खन देने के लिए आप इसको घर पर भी बना सकती हैं। मक्खन में फैट बढ़ी मात्रा में होता है जो आपके कमजोर बच्चे को स्वस्थ और तंदुरुस्त बनता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि बच्चे को केवल ब्रेड पर ही मक्खन लगाकर दिया जाए, आप उसको खाने की अन्य चीजों में मक्खन मिलाकर दे सकती हैं।

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अगर बच्चा होमवर्क न करे तो करें बातचीत https://madhavexpress.com/?p=27288 https://madhavexpress.com/?p=27288#respond Sat, 17 Jun 2023 09:30:48 +0000 https://madhavexpress.com/?p=27288 अभिभावकों को अक्सर लगता है कि बच्चे स्कूल में अच्छा करें यह उनकी भी जिम्मेदारी बनती है। यह जिम्मेदारी चिंता में तब्दील हो जाती है। आपके विचार बच्चे के बिगड़ते भविष्य तक भी पहुंच जाते हैं। और ऐसा न हो इसके लिए सही तरीके से किया गया होमवर्कपहला कदम नजर आने लगता है।
परिणयाम आप बच्चे को बार बार होमवर्क करने के लिए कहते हैं। उसकी नोटबुक देखकर जानने की कोशिश करते हैं आखिर आज का काम क्या है। कुछ समझ आता है कुछ नहीं समझ पाते। जानिए आखिर कैसे आप बच्चे को करा सकते हैं होमवर्क आसानी से और डाल सकते हैं उनके कुछ बहुत अच्छी आदतें डालें।
बच्चे के साथ बैठिए
अपने बच्चे के साथ बैठिए और उसके साथ अपनी आगे आने वाले साल के विषय में बातचीत कीजिए। बेहतर होगा एकेडिमिक ईयर की शुरूआत में ही प्लान बन जाए ताकि आपके और बच्चे के पास भरपूर वक्त और मौका रहे। ऐसी इच्छाएं ही रखिए जो हो सकती हैं। जरूरत से अधिक अपेक्षाएं बच्चे पर अतिरिक्त मानसिक बोझ डाल सकती हैं। अपने बच्चे के कमजोर क्षेत्रों को पहचानें। उसका पिछले साल का रिपोर्ट कार्ड और उसका अनुभव इसमें आपकी मदद करेगा। इस हिस्से पर आपको और बच्चे को अधिक काम करना है।
दिन के घंटे बांटिए आपके बच्चे की पिछले साल भी कुछ दिनचर्या रही होगी। इस बार टाइमटेबल में उन गल्तियों को जगह न दें जो पिछले साल परेशानी का कारण बन गईं थीं। हो सकता है पिछले साल बच्चे का सोने और होमवर्क का समय एक ही हो ऐसे में टीवी के टाइम में कटौती कर थोड़ा पहले होमवर्क करना समझदारीभर होगा।
होमवर्क को रोचक बनाने की कोशिश करें क्या आपका बच्चा पढ़ने से जी चुराता है? ऐसे में आप दूसरे बच्चों के उदाहरण दे देकर उसे इंस्पायर करने की कोशिश करने में उसके मन में जलन और असुरक्षा की भावना पैदा करते हैं। बच्चा न पढ़ने के बहाने ढूंढ़ने लगता है। बच्चे को दूसरे बच्चे के उदाहरण देने के बदले, पढ़ाई को खेल खेल में सिखाने की कोशिश करें। ऐसे नए तरीके खोजने की कोशिश करें जिसमें बच्चे का मन लगे। आप अपने बच्चे को सबसे बेहतर जानते हैं और आप ही उसकी पसंद की एक्टिविटी आसानी से खोज सकते हैं।
होमवर्क प्लान का आंकलन करें एकेडमिक ईयर की शुरूआत में बनाया गया प्लान हो सकता है सही न हो। इस समस्या के उपाय के तौर पर बीच बीच में इस प्लान का मूल्यांकन करें। अपने बच्चे से सलाह मशवरा करें और अगर जरूरी लगता है तो इसमें बदलाव अवश्य करें।
बच्चों को भी काम की अधिकता इतनी होती है कि अगर सही टाइमटेबल मैंटेन नहीं किया जाए तो काम इकट्ठा हो जाता है और समस्या बहुत बढ़ जाती है। होमवर्क सही तरीके से होता रहे इसके लिए जरूरी है कि आप टाइमटेबल फॉलो होने पर ध्यान दें।6. स्कूल के बाद दें आधे घंटे का ब्रेक स्कूल से लौटने के बाद बच्चे को आधे घंटे का ब्रेक दें। इस दौरान बच्चा न तो टीवी देखें, न इमेल चेक करें और न हीं वीडियों गेम्स खेलना शुरू करे। अगर बच्चा इन सब में लग जाता है तो वह आधे घंटे के बाद उठने से रहा। बजाय रात में होमवर्क के बच्चे को दिन में अधिकतर काम निपटा लेने के लिए प्रेरित करें। रात में घर के सभी सदस्य घर पर होने से बच्चे का मन टीवी और सभी के साथ बैठने का रहता है। ऐसे में अकेले बैठकर पढ़ना मुश्किल काम है।

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