टेक्नोलॉजी – Madhavexpress https://madhavexpress.com Mon, 16 Dec 2024 10:51:02 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://madhavexpress.com/wp-content/uploads/2023/03/IMG-20221108-WA0038-removebg-preview-1.png टेक्नोलॉजी – Madhavexpress https://madhavexpress.com 32 32 बिहार सहित संपूर्ण भारत में संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति विस्तार से ब्राह्मणों को संगठित करेंगे / पंडित चतुर्वेदी https://madhavexpress.com/?p=47001 https://madhavexpress.com/?p=47001#respond Mon, 16 Dec 2024 10:51:02 +0000 https://madhavexpress.com/?p=47001

पटना ब्राह्मण महाकुंभ में पंडित चतुर्वेदी हुए सम्मानित

राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा द्वारा विद्यापति भवन पटना बिहार में आयोजित ब्राह्मण महाकुंभ एवं संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय बैठक में संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संरक्षक पंडित कृपा निधान तिवारी अयोध्या ,दरभंगा सांसद श्री गोपाल ठाकुर स्वास्थ्य मंत्री बिहार सरकार मंगल पांडे विधान परिषद सदस्य अशोक पांडे संत ऋषि भवेशा नंद महाराज आदि की उपस्थिति में देशभर से आए हुए ब्राह्मण संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि बिहार सहित संपूर्ण देश भर में संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति का तेजी से विस्तार कर ब्राह्मणों को एकजुट करेंगे संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति की राष्ट्रीय बैठक में पांच प्रमुख प्रस्ताव सर्वानुमति से पारित किए गए

जिसमें योग्यता आधारित पदों पर आरक्षण समाप्त हो, आरक्षण का आधार आर्थिक रखा जाए, तथा परशुराम जयंती का राष्ट्रीय अवकाश हो, समान नागरिक संहिता लागू हो, भगवान परशुराम का मंदिर राम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य रूप से बनाया जाए तथा समान नागरिक संहिता लागू हो और सवर्ण आयोग का गठन किया जाए

उपरोक्त मांगों को लेकर देश भर में संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति के माध्यम से जन जागरण कर ब्राह्मणों को संगठित किया जाएगा बैठक में  उपेंद्रनाथ त्रिपाठी वाराणसी राम तेज पांडे अयोध्या राधेश्याम शर्मा महेंद्र कुमार कौशिक नई दिल्ली, जय भगवान शर्मा, मुख्तार सिंह कौशिक हरियाणा ,सुखबीर सिंह गौतम उत्तराखंड ,सुरेश मूले महाराष्ट्र ,श्रीमती मंजू शुक्ला गोरखपुर उत्तर प्रदेश नानक चंद शर्मा हापुड़ उ. प्र. रघुनंदन पांडे, अर्जुन पांडे झारखंड संध्या दुबे सागर ,मध्य प्रदेश नीलम झा लखनऊ, सहित बड़ी संख्या में देश भर के कई राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए

राष्ट्रीय बैठक में गोरखपुर उ.प्र. की महिला नेत्री श्रीमती मंजू शुक्ला को महिला इकाई का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया गया बैठक का संचालन संयुक्त ब्राह्मण संगठन समिति के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उपेंद्रनाथ त्रिपाठी वाराणसी ने किया तथा आभार बैठक के संयोजक राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा बिहार के अध्यक्ष इंजीनियर आशुतोष कुमार झा ने माना उज्जैन से पं .चंद्रशेखर शर्मा, ईश्वरअग्निहोत्री ,सत्यनारायण शर्मा ,बी एस तंवर, प्रमुख रूप से शामिल हुए

 

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पटना बिहार में ब्राह्मण महाकुंभ का  पंडित चतुर्वेदी के साथ ब्राह्मण समाज का दल हुआ पटना बिहार हेतु रवाना  https://madhavexpress.com/?p=46793 https://madhavexpress.com/?p=46793#respond Fri, 13 Dec 2024 10:51:02 +0000 https://madhavexpress.com/?p=46793 पटना बिहार में ब्राह्मण महाकुंभ का  पंडित चतुर्वेदी के साथ ब्राह्मण समाज का दल हुआ रवाना

उज्जैन का ब्राह्मण महाकुंभ ब्राह्मणों की एकता का मॉडल बना  पं. चतुर्वेदी

UJJAIN/अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज एवं संयुक्त ब्राह्मण संगठन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी ने एक वक्तव्य में कहा कि अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज द्वारा उज्जैन में सन 2017-018 में उज्जैन में पहले 2 लाख ब्राह्मणों का महाकुंभ कर देश में ब्राह्मणों की एकता का बिगुल फुंका था उसी से प्रेरणा लेकर आज संपूर्ण देश भर में ब्राह्मणों की एकता के लिए जगह-जगह प्रत्येक प्रातों में ब्राह्मण एकता के लिए ब्राह्मण महाकुंभ आयोजित किये जा रहे हैं उज्जैन का आयोजित ब्राह्मण महाकुंभ ब्राह्मणों की एकता के लिए देश का मॉडल बन गया है आगामी 15 दिसंबर 024 को बिहार की क्रांतिकारी भूमि पटना में ब्राह्मण महासभा बिहार द्वारा पंडित आशुतोष झा के नेतृत्व में विद्यापति भवन पटना में संपूर्ण बिहार प्रांत का विशाल ब्राह्मण महाकुंभ आयोजित किया जा रहा है

साथ ही संपूर्ण देश पर से संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय पदाधिकारी पहुंचकर संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी भाग लेंगे इस हेतु उज्जैन सहित संपूर्ण मध्य प्रदेश से पंडित चतुर्वेदी के साथ ब्राह्मण संस्थाओं के पदाधिकारी सर्व श्री चंद्रशेखर शर्मा, विवेक जोशी ,कमल तिवारी, ईश्वर दयाल अग्निहोत्री , सत्यनारायण शर्मा ,बी एस तंवर , संध्या दुबे, प्रफुल्ल दुबे, एस के दुबे , आशुतोष शर्मा सहित कई पदाधिकारी आज पटना बिहार के लिए रवाना हुए

अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज राष्ट्रीय महामंत्री पंडित तरुण उपाध्याय ने बताया कि देशभर की ब्राह्मण संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति के भिन्न-भिन्न प्रांतों के पदाधिकारी संयुक्त ब्राह्मण संघर्ष समिति के बैनर तले एकत्रित होकर ब्राह्मणों की एकता पर विचार मंथन करेंगे पंडित सुरेंद्र चतुर्वेदी के नेतृत्व में उज्जैन और मध्य प्रदेश से ब्राह्मण समाज पदाधिकारी का दल आज उज्जैन से पटना के लिए रवाना हुआ ब्राह्मण समाज कार्यालय पर सभी पदाधिकारी का स्वागत अभिनंदन कर रवाना किया गया

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आईटी क्षेत्र में कैरियर बनाने से पहले जान लें ये बातें https://madhavexpress.com/?p=23349 https://madhavexpress.com/?p=23349#respond Thu, 02 Mar 2023 11:03:27 +0000 https://madhavexpress.com/?p=23349 अगर आपकी रूचि कप्यूंटर साइंस में है और आईटी सेक्टर में करियर बनाना चाहते हैं तो पहले इस क्षेत्र की कुछ बातों को जान लेना आपके लिए जरुरी रहेगा। इंफॉर्मेशन टेक्नॉलोजी आईटी इंजीनियर के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स विषयों का होना जरूरी है। इंफॉर्मेशन टेक्नॉलोजी ऐसा डिपार्टमेंट है, जहां कम्प्यूटर की नई जानकारी रखने वालों की हमेशा जरूरत रहती है। आई कंपनियों में दक्ष लोगों की मांग लगातार बढ़ रही है। आई टी में करियर बनाने के लिए कई रास्ते हैं। इनमें तीन इंजीनियरिंग के प्रमुख कोर्स है। जिसमें कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रानिक्स व कम्यूनिकेशन है। इसके आलावा सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग में भी काफी संभावनाएं हैं। इसमें आगे बढ़ने के लिए आपकों अपडेट रहना होता है जिसके लिए लगातार नये कोर्स भी करने होंगे।
आईटी के अंतर्गत आने वाले बीटैक आईटी में आपको सिखाया जाता है कि बिजनेस को तैयार करने के लिए कैसे काम किया जाता है। इसकी सारी जानकरी दी जाती है। जिसमें डेटाबेस, बिजनेस, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि की जानकारी शामिल है।
अगर आप इंजीनियरिंग नहीं करते हैं, तो आप बीएससी आईटी और बीएससी कम्प्यूटर साइंस् भी कर सकते हैं। 12वीं कक्षा में पीसीएम विषय वाले कम्प्यूटर एप्लीकेशन कोर्स कर सकते हैं। 12वीं में गणित बिषय वाले बीएससी कम्पयूटर साइंस कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा मोबाइल एप्लीकेशन विकास में भी काफी रोजगार हैं। कई गैजेट्स वी‍डियो, मूवी प्लेयर और गेमिंग डिवाइस के रूप में आज मार्केट में आ रहे हैं। आईटी क्षेत्र फील्ड दिन-प्रतिदिन काफी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में यहां छात्रों के लिए काफी अवसर हैं। इसमें आप प्रोग्रामर से डिजायरनर, डिवलपर और सिस्टम एनालिस्टा जैसे कार्य कर सकते हैं पर सभी के लिए आपको पारंगत होना जरुरी है।

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बच्चे में एकाग्रता की कमी इस प्रकार होगी ठीक https://madhavexpress.com/?p=20637 https://madhavexpress.com/?p=20637#respond Sat, 10 Dec 2022 10:14:47 +0000 https://madhavexpress.com/?p=20637 ज़्यादातर बच्चों में देखा गया है कि उनका पढ़ाई में मन नहीं लगता। बाकी कामों में भी वे सही से ध्यान नहीं दे पाते। इसकी कई वजहें हो सकती हैं लेकिन एक वजह एकाग्रता की कमी भी है।
अगर आपके बच्चे में भी एकाग्रता की कमी है तो फिर कुछ चीजों का ध्यान रख आप इसे सुधार सकते हैं।
नाश्ते में साबुत अनाज की बनी चीजें
आपका बच्चा किसी काम पर सही ढंग से ध्यान नहीं दे पाता इसकी सबसे बड़ी वजह है उसके शरीर में शुगर की कमी। इसे पूरा करने के लिए अपने बच्चे को साबुत अनाज का नाश्ता दें। चाहे तो आप नाश्ते में ब्राउन राइस और बाजरे की बनी चीजें दे सकते हैं। ब्राउन राइस पोहा खिला सकते हैं। साबुत अनाज को नाश्ते में शामिल करने से दिनभर भूख नहीं लगती और पूरे दिन दिमाग भी सक्रिय रहता है।
शुगर को कहें ना
जब बच्चे घर से बाहर होते हैं या बाहर खाते हैं तो फिर आप उनकी बॉडी के शुगर लेवल पर चेक नहीं रख सकते इसलिए ज़रूरी है कि आप उनकी शुगर क्रेविंग्स को घर पर ही दूर कर दें। इसके लिए आप अपने बच्चे को शुगर से शरीर में होने वाले नुकसान के बारे में बता सकते हैं। आपका बच्चा रोजाना जो खाना खा रहा है उसमें भी आप कुछ बदलाव कर उसके शरीर में शुगर की कमी पूरी कर सकते हैं।
बच्चे को भूख लगे तो ये चीजें खिलाएं ये चीजें
आलू के बजाय अपने बच्चों को स्टार्च वाली अन्य चीजें खिलाएं जैसे कि शकरकंदी। इसे आप बेक्ड चिप्स और फ्रेंच फ्राइज़ भी बना सकती हैं। अगर आपके बच्चे को अरबी खाना पसंद नहीं है तो आप उससे अन्य स्वादिष्ट चीजें बना सकती हैं। इसके अलावा बाकी स्टार्च फूड्स खिला सकती हैं। दरअसल स्टार्च सेरोटॉनिन का मुख्य स्त्रोत होता है जो मूड को अच्छा रखता है। इसके अलावा यह बच्चों को शांत और खुश रहने में भी मदद करता है।

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मोबाइल ऐप से करें सोने की शुद्धता की पहचान l https://madhavexpress.com/?p=18899 https://madhavexpress.com/?p=18899#respond Sun, 16 Oct 2022 12:22:53 +0000 https://madhavexpress.com/?p=18899 नई दिल्ली । त्योहार के मौसम में दिवाली और धनतेरस पर देशभर के बाजारों में जमकर सोने-चांदी के आभूषणों की खरीदी होती है। ले‎किन इनके शुद्धता की पहचान करना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप अपने मोबाइल में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का बीआईएस केयर ऐप इंस्‍टॉल कर लें। यह ऐप आपको सोने में होने वाली धोखाधड़ी से बचा सकता है। दरअसल इस ऐप से आप सोने के किसी भी सामान की हॉलमार्किंग की जांच कर सकते हैं। इसके लिए आपको ज्वेलरी के एचयूआईडी यानी हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर की जांच करनी होगी। ये नंबर 6 डिजिट का होता है और इसमें लेटर और डिजिट्स दोनों शामिल होते हैं। जब भी किसी गहने की हॉलमार्किंग की जाती है तो एचयूआईडी नंबर दिया जाता है। कभी भी दो ज्‍वेलरी पर एक एचयूआईडी नंबर नहीं होता है। सोने की शुद्धता परखने के लिए आप ऐप को अपने मोबाइल में इंस्‍टॉल करे ले। ‎‎फिर ऐप ओपन करके अपना नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी आदि दर्ज करें और ओटीपी के जरिए इसे वेरिफाई करें। वेरिफाई होने के बाद जब आप ऐप के फीचर्स में देखेंगे तो आपको वेरीफाई एचयूआईडी का विकल्प मिलेगा। इसके जरिए आप सोने की शुद्धता की जांच कर सकते हैं।

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मोबाइल एप्लीकेशन के क्षेत्र में संभावनाएं  https://madhavexpress.com/?p=18604 https://madhavexpress.com/?p=18604#respond Thu, 06 Oct 2022 11:04:25 +0000 https://madhavexpress.com/?p=18604 आज कल दुनिया के अधिकतर लोग मोबाइल इस्तेमाल कर रहे हैं। इस व्यस्त जीवनशैली में लोगों के पास समय की भारी कमी रहती है। कई कामों के लिए अलग-अलग समय निकालना मुश्किल है, इसलिए लोग अब चाहते हैं कि उन्हे अधिक से अधिक चीजें मोबाइल पर उपलब्ध हो जाए। जिससे वह अपने खाली वक्त उन जरूरी कामों को निपटा सकें। आवश्यक कार्यों के अतिरिक्त लोग अपने मोबाइल पर क्रिकेट स्कोर, वीडियो, मूवी आदि भी देखना पसंद करते हैं। वक्त के साथ लोगों की जरूरतें बढ़ती जा रही है। आने वाले दिनों में लोग अपने अन्य कई सारे कार्य और शौक मोबाइल पर ही पूरा करना पसंद करेगें।
सूचना तकनीक के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं से संबंधित विशेषज्ञों के मुताबिक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित करने का काम आने वाले वर्षों में पहले पायदान पर होगा। सूचना तकनीक के क्षेत्र में मोबाइल एप्लीकेशन विकसित करने के काम में बहुत बड़ी खाई दिख रही है। जॉब के मुकाबले काम करने वाले प्रतिभावान लोगों की कमी है।
मोबाइल एप से ग्राहकों को सूचनाओं, मनोरंजन, अपने कामकाज, शिक्षा, खरीददारी, मेलजोल आदि के लिए संपर्क में रहने का नया और सबसे बेहतरीन तरीका मिलता है। ये एप या तो बेचे जाते हैं या फिर एप्पल के एप स्टोर या फिर एनड्रॉइड गूगल प्ले जैसे वर्चुअल मार्केट से मुफ्त में प्राप्त किए जा सकते हैं। लम्बे वक्त से स्थापित संस्थान जो क्रेताओं तक तुरंत पहुंचना चाहती हैं या फिर नवोदित कम्पनियां जो नए बाजार का एक हिस्सा हथियाना चाहती हैं, सभी को एप विकसित करने वालों की जरूरत होती है जिससे कि ग्राहकों से सीधे जुड़ने का एक इंटरफेस बना सकें जो उन्हें सफल बनाए।
हालांकि बहुत से एप बनाने वाले लोग कम्पनियों के कर्मचारियों के रूप में कार्य करते हैं, लेकिन कुछ उद्यमी होते हैं जो एप्पल जैसी हार्डवेयर बनाने वाली कम्पनियों के इस प्रयत्न का फायदा उठाते हैं कि प्रोग्राम डिजाइन का बल लोगों तक पहुंचे। नए किस्म के एप बनाने वालों को यह ओपन सॉर्स माडल प्रोत्साहित करता है। इसके लिए सरलता से उपयोग में आ सकने वाले साफ्टवेयर डिवैल्पमैंट किट का प्रयोग होता है। इसके अतिरिक्त अपने खुद के एप लिखने वालों के लिए सपोर्ट फोरम भी होते हैं इसलिए कोई बड़े विचार वाला व्यक्ति कम संसाधन होने के बावजूद अपने वक्त और प्रतिबद्धता के बल पर अकेले ही कार्य कर सफल एप विकसित कर सकता है।

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तेजी से बढ़ रहा फूड टेक्नोलॉजी का क्षेत्रl https://madhavexpress.com/?p=18595 https://madhavexpress.com/?p=18595#respond Thu, 06 Oct 2022 10:56:14 +0000 https://madhavexpress.com/?p=18595 फूड प्रोसेसिंग के कारोबार में भारत में कुशल लोगों की बेहद कमी है। आने वाले समय में फूड टेक्नोलॉजी का भविष्य बहुत ही सुनहरा होने वाला है। अगर आंकड़ों की मानें तो आने वाले कुछ सालों में यह उद्योग इस रफ्तार से बढ़ेगा कि नौकरियों की बहार होगी। प्रोसेस्ड फूड तैयार करने वाली मल्टीनेशनल कंपनियां बड़ी तादाद में भारत का रुख कर रही हैं। ऐसे में यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। जिसको देखते हुए इस क्षेत्र में पारंगत लोगों की मांग भी बढ़ रही है। इस क्षेत्र में कभी भी मंदी नहीं हो सकती। यही कारण है कि अब युवाओं की इसमें रुचि इसमें बढ़ती जा रही है। इस क्षेत्र को युवा अब आकर्षक कॅरियर के रूप में देख रहे हैं और इसके लिए जरुरी तकनीकी शिक्षा भी हासिल कर रहे हैं।
जरुरी योग्यता
ऐसे में यदि आप इस उभरते क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी अथवा मैथमेटिक्स विषयों के साथ 10+2 में कम से कम 50 प्रतिशत अंक जरूरी हैं। एमएससी कोर्स करने के लिए फूड टेक्नोलॉजी से संबंधित विषयों में स्नातक की डिग्री भी आवश्यक होती है।
फूड टेक्नोलॉजिस्ट का काम
फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के तहत वे सभी कार्य शामिल हैं, जिनसे प्रोस्सेड फूड जैसे- मक्खन, सॉफ्ट ड्रिंक, जेम व जेली, फ्रूट जूस, बिस्कुट, आइसक्रीम आदि की गुणवत्ता, स्वाद और रंग-रूप बरकरार रह सके। इसके अलावा वह कच्चे और बने हुए माल की गुणवत्ता, स्टोरेज तथा हाइजिन आदि की निगरानी भी करता है। वह कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। कच्चे माल से लेकर प्रोडक्ट तैयार होने तक कंपनी को उसकी हर स्तर पर जरूरत होती है। ग्लोबल स्तर पर कंपनी का भविष्य फूड टेक्नोलॉजिस्ट की योग्यता पर ही निर्भर रहता है।
मैनुफैक्चर्ड प्रोसेसेज : इस प्रक्रिया के जरिए कच्चे कृषि उत्पादों और मीट आदि पशु उत्पादों के भौतिक स्वरूप में बदलाव लाया जाता है। इससे यह उत्पाद खाने और बिक्री योग्य बन जाते हैं। वैल्यु एडेड प्रोसेसेज के जरिए कच्चे खाद्य उत्पादों में कई ऐसे बदलाव किए जाते हैं। जिससे वह ज्यादा समय के लिए सुरक्षित रहते हैं और कभी भी खाने लायक बन जाते हैं। उदाहरण के लिए टमाटर से बने सॉस और दूध से तैयार आईसक्रीम जैसे उत्पादों को देखा जा सकता है।
किस लिए है जरूरत
फूड टेक्नोलॉजिस्ट की जरूरत आज सभी देशों को है। इसका उदेद्श्य लोगों को ऐसी खाघ सामाग्री पहुंचाना है जो गुणवत्ता और स्वाद के साथ-साथ पोषक तत्वों से भी भरपूर हो।
इस क्षेत्र में किये जाने वाले प्रमुख कोर्स
बीएससी (ऑनर्स) फूड टेक्नोलॉजी
बीटेक फूड टेक्नोलॉजी
एमटेक फूड टेक्नोलॉजी
पीजी डिप्लोमा इन फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी
एमबीए(एग्री बिजनेस मैनेजमेंट
अवसर
इस कोर्स के बाद आपके पास नौकरी के कई सारे विकल्प होते हैं। आप फूड प्रोसेसिंग यूनिटों, रिटेल कंपनियों, होटल, एग्री प्रोडक्टस बनाने वाली कंपनियों से जुड़ सकते हैं। या फिर खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता जांचने, उनके निर्माण कार्य की निगरानी करने और खाद्य वस्तुओं को संरक्षित करने की तकनीकों पर काम करने वाली प्रयोगशालाओं से भी जुड़ सकते हैं।
वेतनमान
इस क्षेत्र में आप शुरुआती स्तर पर आप 8 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से कमा सकते हैं। सालों के अनुभव के बाद 30 हजार रुपये प्रतिमाह या इससे भी ज्यादा कमाया जा सकता है। यदि आप स्वरोजगार से जुड़ते हैं, तो आपकी कमाई और बढ सकती है। इस क्षेत्र में सैलरी और काम दोनों दिलचस्प होते हैं।
किस तरह की होती है पढ़ाई
जिस तरह अलग-अलग तरह के खाने को देखकर मन खुशी बढ़ती है। ठीक उसी तरह फूड टेक्नोलॉजी में पढ़ाई जाने वाली पढ़ाई भी बहुत दिलचस्प होती है। फूड टेक्नोलॉजी तथा इससे संबंधित कोर्सेज के अंतर्गत खाद्य पदार्थों के रख-रखाव से लेकर पैकेजिंग, फ्रीजिंग आदि की तकनीकी जानकारियां शामिल होती हैं। इसके अंतर्गत पोषक तत्वों का अध्ययन, फल, मांस, वनस्पति व मछली प्रसंस्करण आदि से संबंधित जानकारियां भी दी जाती है।
यहां होते हैं कोर्स
यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी
जी. बी. पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रिकल्चर ऐंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर, उत्तराखंड
बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी
कानपुर यूनिवर्सिटी, कानपुर, उत्तर प्रदेश
कोलकाता विश्वविद्यालय, कोलकाता
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर, पंजाब
मुंबई यूनिवर्सिटी, मुंबई
नागपुर यूनिवर्सिटी
सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर
बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा, रांची, बिहार।

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स्टार्ट-अप के लिए नहीं किसी खास डिग्री की आवश्यकताl https://madhavexpress.com/?p=18350 https://madhavexpress.com/?p=18350#respond Thu, 29 Sep 2022 10:09:03 +0000 https://madhavexpress.com/?p=18350 अगर आप कारोबार करना चाहते हैं पर आपके पास बजट कम है तो आप स्टार्ट-अप से अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। इसमें निवेश भी कम करना होगा और आप अच्छा पैसा भी कमा सकते हैं। अगर आप इन बिजनेस में क्रिएटिव और मेहनत से काम करेंगे तो आप जल्द ही हर महीना लाखों रुपये कमा सकते हैं।
इवेंट मैनेजमैंट – आजकल इवेंट का काम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। खास बात ये है कि इसमें आपको किसी खास डिग्री की आवश्यकता नहीं है और आप क्रिएटिव तरीके से काम करके इसमें पैसा कमा सकते हैं। इवेंट में आप वेडिंग, ऑफिशियल प्रोग्राम, पार्टी आदि की अरेजमेंट कर सकते हैं और इसमें आपको निवेश नहीं करना होता, सिर्फ इवेंट की व्यवस्था करनी होती है। आप अच्छे संपर्क बनाकर इसमें पैसे कमा सकते हैं।
ऑटो गैराज- आपको सुनकर भले ही ये अजीब लगे, लेकिन कई लोग इससे अच्छा पैसा कमा रहे हैं। यह गैराज किसी एक दुकान पर नहीं होगा, बल्कि यह डिमांड पर कहीं जाएगा। मतलब आजकल गाड़ियों की संख्या अधिक हो गई और बीच रास्ते में गाड़ी खराब हो जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप ऐसे लोगों की मदद कर पैसे कमा सकते हैं।
ड्राइविंग स्कूल – देश में कारों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ड्राइविंग सीखने वालों की संख्या भी बड़ी है। ऐसे में ड्राइविंग स्कूल चलाना भी एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इस काम को करने के लिए शुरुआती तौर पर आपके पास सिर्फ एक कार होना जरूरी है। जिससे आप दूसरों को ड्राइविंग सिखा सकें।
होम बेस्ड फूड सर्विस- घर से बाहर दूसरे शहरों में रह रहे लोगों के लिए घर का खाना एक सपने जैसा होता है। इसलिए आप इन शहरों में टिफिन आदि का कारोबार करके आप कम इनवेस्ट में अधिक पैसे कमा सकते हैं। इसकी पब्लिसिटी के लिए आप सोशल मीडिया या किसी ऐप का सहारा ले सकते हैं।
क्लिनिंग सर्विस- इस क्लिनिंग सर्विस में आप कपड़ों से लेकर घर,गाड़ी आदि तक का काम कर सकते हैं क्योंकि लोगों के पास काम की व्यस्तता की वजह से यह सब काम करने का वक्त नहीं होता है। ऐसे में आप उनके लिए ऑनलाइन रुप से ये काम करके अच्छे पैसे कमा सकते हैं। विदेशों और मेट्रो सिटी में कई लोग इस तरह से कमाई कर रहे हैं।
ट्रांसलेटर- यह एक फ्रीलांस काम की तरह है। इस काम को आप किसी बिजनेस या नौकरी के साथ भी कर सकते हैं। आप यह भाषाओं के लिए कर सकते हैं। आजकल कई क्षेत्रीय भाषाओं के लिए भी कई लोगों की मांग है।
सोशल मीडिया कंसलटेंट- आज प्रचार करने का सबसे अच्छा साधन है सोशल मीडिया। हर कोई खुद के लिए या अपनी संस्था के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले सकते हैं। ऐसे में आप सोशल मीडिया से संबंधित कोई कोर्स करके या इसके बारे में पढ़कर आप पैसे कमा सकते हैं। इसके लिए आपको कई लोगों के सोशल अकाउंट संभालने होंगे।

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युवाओं में इसलिए बढ़ रही दिल की बीमारी l https://madhavexpress.com/?p=18024 https://madhavexpress.com/?p=18024#respond Mon, 19 Sep 2022 09:41:31 +0000 https://madhavexpress.com/?p=18024 आजकल आधुनिक जीवनशैली के चलते युवाओं में दिल की बीमारी का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। धूम्रपान की लत, कामकाज और विभिन्न कारणों से होने वाले तनाव, खानपान सही न होना, अपर्याप्त शारीरिक श्रम व अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थों के सेवन के कारण युवाओं में दिल के दौरे का जोखिम बढ़ रहा है। डॉक्टरों का मानना है कि जब तक कि कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता तब तक युवाओं में दिल के दौरे का खतरा कम होने वाला नहीं है।
डॉक्टरों के अनुसार हम ऐसी जीवनशैली अपना रहे हैं जिससें शारीरिक श्रम कम होता जा रहा है।
इसके अलावा युवा मानसिक तथा शारीरिक तौर पर बहुत ही अधिक दबाव में है। इस समस्या का मुख्य समाधान यह है कि हम अपनी जीवनशैली में व्यापक बदलाव लाएं और अगर ऐसा करते हैं तो इससे समय से पूर्व होने वाले दिल के दौरों को रोका जा सकता है।
एक अध्ययन के अनुसार, अस्पताल में भर्ती होने वाले करीब 30 प्रतिशत मरीज 40 साल से कम उम्र के होते हैं। साथ ही वे युवक, जो दिन भर में 10 सिगरेट पीते हैं उनके दिल की समस्याएं होने की आशंका 50 फीसदी बढ़ जाती है। धूम्रपान और गलत-खानपान से कॉलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ जाता है, जिससे दिल की धड़कन 50 प्रतिशत बढ़ जाती है और रक्तचाप 30 प्रतिशत बढ़ जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, कार्डियो वैस्कुलर रोगों से हर साल दुनियाभर में 17 लाख 70 हजार लोगों की मौत होती है।
विशेषज्ञों ने आगे कहा, युवा हमारे देश के स्तंभ हैं और युवाओं के स्वास्थ्य संबंधी मसलों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। जीवनशैली से जुड़ी अन्य आदतों में व्यायाम नहीं करने की आदत और जंक फूड का अधिक सेवन भी शामिल है।
इसके अलावा युवा अपना अधिकतर समय स्मार्टफोन, टैब, कम्प्यूटर, लैपटॉप आदि के जरिए व्यतीत करते हैं, जो हमारे दिल के लिए बहुत अधिक नुकसानदायक हैं।
ऐसे में दिल की बिमारियों से बचने के लिए अपनी जीवनशैली ठीक करने के साथ ही तनाव भी कम करना होगा। इसके अलावा धूम्रपान, शराब सेवन और जंक फूड आदि से दूर रहना होगा।

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भारत हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें कर रहा विकसित, 2023 से दौड़ेगी : अश्विनी वैष्णव https://madhavexpress.com/?p=17822 https://madhavexpress.com/?p=17822#respond Fri, 16 Sep 2022 09:38:05 +0000 https://madhavexpress.com/?p=17822 नई दिल्ली । भारतीय रेलवे आधुनिक तकनीक आधारित ट्रेनों के संचालन की दिशा में काम करने के लिए सतत प्रयत्नशील है। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि भारत हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें विकसित कर रहा है और वे 2023 में तैयार हो जाएंगी। भुवनेश्वर में एसओए विश्वविद्यालय में बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे अपनी गति शक्ति टर्मिनल नीति के माध्यम से देश के दूरस्थ और असंबद्ध क्षेत्रों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने का प्रयास कर रहा है और इस नीति के तहत तेजी से काम चल रहा है। अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदेभारत एक्सप्रेस, जो देश की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेनों में से एक है, उसे भारत में इन-हाउस तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। यह ट्रेन पिछले 2 वर्षों से बिना किसी बड़े ब्रेकडाउन के सुचारू रूप से चल रही है।’
उन्होंने कहा कि ऐसी और वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों का निर्माण आईसीएफ चेन्नई में किया जा रहा है और जल्द ही ये रेल पटरियों पर दौड़ती हुई नजर आएंगी। वंदे भारत को रेलवे सुरक्षा आयुक्त से हरी झंडी मिल गई है। ट्रेन और ट्रैक मैनेजमेंट के बारे में बात करते हुए, रेल मंत्री ने पहले कहा था, ‘हमारा ध्यान सिर्फ ट्रेनें बनाने पर ही नहीं है। हम सेमी-हाई स्पीड या हाई स्पीड ट्रेनों को चलाने के लिए ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम पर भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वंदे भारत के परीक्षण के दौरान हम पहले ही दिखा चुके हैं कि पूरी तरह से भरा हुआ पानी का गिलास 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर भी छलकता नहीं है।’
अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया कि सेकेंड जेनरेशन वंदेभारत एक्सप्रेस का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद अब शेष 72 ट्रेनों का सीरियल प्रोडक्शन जल्द शुरू होगा। रेल मंत्री ने कहा, ‘यह उल्लेखनीय है कि तीसरी वंदे भारत ट्रेन की अधिकतम गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह बुलेट ट्रेन द्वारा लिए गए 55 सेकंड की तुलना में 52 सेकंड में 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ती है। पहली पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनें 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में 54.6 सेकेंड लेती हैं और उनकी अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटे की है।’ वर्तमान में, जो दो वंदेभारत ट्रेनें चल रही हैं, वे नई दिल्ली-वाराणसी और नई दिल्ली-वैष्णोदेवी कटरा के बीच हैं।
जर्मनी ने लोअर सैक्सोनी में हाइड्रोजन से चलने वाली यात्री ट्रेनों का दुनिया का पहला बेड़ा इस साल अगस्त में लॉन्च किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली 14 ट्रेनों का निर्माण फ्रांस की कंपनी एल्सटॉम ने किया है। जर्मनी में डीजल से चलने वाली ट्रेनों की जगह अब ये ट्रेनें लेंगी। एल्सटॉम के अनुसार, हाइड्रोजन से चलने वाली प्रत्येक ट्रेन की क्षमता एक बार में 999 किलोमीटर की दूरी तय करने की होगी। इसकी अधिकतम गति 140 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। इस ट्रेन में ईंधन के रूप में हाइड्रोजन का इस्तेमाल होता है, जिससे जीवाश्म ईंधन (डीजल, पेट्रोल, कोयला) पर निर्भरता कम होती है और वायु प्रदूषण भी नहीं होता। यह हाइब्रिड ट्रेनें होती हैं, जिनमें रिन्यूएबल एनर्जी स्टोर करने के लिए बैटरी या सुपर कैपेसिटर लगे होते हैं। ये हाइड्रोजन ईंधन के पूरक होते हैं, जो ट्रेन की रफ्तार को बढ़ाते हैं।

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